भारत का संविधान केवल कानूनी किताब नहीं, खुशहाल समाज के निर्माण का दस्तावेज है..

  
Last Updated:  June 12, 2024 " 11:58 pm"

अभ्यास मंडल के मासिक व्याख्यान में बोले लेखक एवं विचारक सचिन कुमार जैन।

‘भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि और आधार तत्व’ विषय पर था व्याख्यान।

इंदौर : संविधान केवल कानून की प्रक्रियाओं के लिए बनाई एक किताब तक सीमित नहीं होकर यह स्वस्थ और खुशहाल समाज के निर्माण का एक दस्तावेज भी हैं। हमारा संविधान देश की व्यवस्था को पूरा करने के साथ लोगों की आकांक्षाओ की भी पूर्ति करता है। यह सभी पंथों को सम्मान देने के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनेतिक न्याय भी दिलाता हैं। यह अनुभव से उपजा हुआ महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है। ये विचार सचिन कुमार जैन निदेशक विकास संवाद,भोपाल ने व्यक्त किए। वे अभ्यास मंडल की मासिक व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता बतौर बोल रहे थे। इंदौर प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित इस व्याख्यान का विषय था ‘भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आधार तत्व’। कार्यक्रम की अध्यक्षता ख्यात कमेंटेटर सुशील दोषी ने की। अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता भी मंचासीन थे।

प्रमुख वक्ता सचिन जैन ने ब्रिटिश काल और तत्कालीन समय में प्रचलित सामाजिक नियम कानूनों के संदर्भ में अपनी बात रखते हुए कहा कि पूर्व मे जाति,धर्म और मजहब के आधार पर समाज मे भेदभाव और पक्षपात होता था विशेषकर दलित और निम्न जातियों के साथ, लेकिन सावित्री बाई फुले, ज्योति बा फुले, रूकमा बाई, डॉ.भीमराव अंबेडकर और राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों ने शिक्षा के माध्यम से एक ऐसे समाज के निर्माण की आधारशिला रखी, जहाँ सब को बराबरी का दर्जा मिल सके और बंधुत्व के साथ देश की एकता व अखंडता भी मजबूत हो सके।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हमारा देश तेजी से विकास और प्रगति के पथ पर आगे की और बढ रहा है, दूसरी तरफ लोगों को सांस लेने के लिए ना शुद्ध हवा मिल रही है और न ही पीने के लिए शुद्ध पानी। अब देश के कई शहर बंगलोर और चेन्नई बनते जा रहे है जहाँ पानी का घोर संकट है, ऐसे मे ये देखना भी जरूरी है कि लोगों की खुशहाली के लिए तत्कालिक उपाय करने के फेर में कही हम दीर्घकालीन विनाश को बुलावा तो नही दे रहे हैं।

मुख्य वक्ता सचिन जैन ने अपने एक घंटे के धारा प्रवाह संबोधन मे संविधान के उद्देश्यों से लेकर उसके अनुच्छेद, समवर्ती सूची और धाराओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ क्रिकेट उद्घोषक पदमश्री सुशील दोषी ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में सही मायने में लोकतंत्र के दर्शन होते हैं। देश के अलग – अलग हिस्सों, जाति – धर्मों से आए खिलाड़ी जब एक टीम के रूप में खेलते हैं और जीतते हैं तो पूरा देश खुशी व्यक्त करता है।उन्होंने कहा कि जब तक देश के लोगों में करुणा और कृतज्ञता नहीं होगी, हम कितना भी अच्छा और श्रेष्ठ संविधान बना ले खुशहाली नही आएगी ।

कार्यक्रम में अतिथि स्वागत अभ्यास मंडल के पितृपुरुष मुकुंद कुलकर्णी, सचिव माला सिंह ठाकुर और सुनील माकोड़े ने किया। प्रतीक चिन्ह रमेश जैन गंगवाल और प्रकाशचंद शर्मा ने भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन अशोक कोठारी ने किया। आभार माला सिंह ठाकुर ने माना।

इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल व्ही,एस कोकजे, नेताजी मोहिते, डॉ शंकर लाल गर्ग,आलोक खरे, अभय भरकतिया, डॉ.शरद डोसी,पुरषोत्तम वाघमारे, रश्मि सचिन जैन, कमल जैन, चिन्मय मिश्र,वैशाली खरे, सुरेश नाहटा, श्याम पांडेय,गौतम कोठारी, शफी शेख, राजीव बारपुते, प्रवीण जोशी, डा. मनीषा गौर,मुरली खंडेलवाल, अनिल भोजे, वीरेंद्र भंडारी, यासमीन, निधि जोशी, शरद सोमपुरकर,सहित बड़ी संख्या गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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