इंदौर : भ्रष्टाचार के आरोपी पटवारी को विशेष अदालत ने 04 वर्ष के सश्रम कारावास और 1 करोड 80 लाख रूपए के जुर्माने से दण्डित किया है ।
उप संचालक (अभियोजन) बीजी शर्मा ने बताया कि न्यायालय- श्रीमान यतीन्द्र कुमार गुरू (विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी म.प्र. विशेष न्यायालय अधिनियम 2011) जिला इंदौर के न्यायालय ने म.प्र. राज्य लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन के अपराध क्रमांक 102/11, विशेष प्रकरण क्रमांक 03/15 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी ओमप्रकाश विश्वप्रेमी पिता प्रहलाद पटवारी निवासी – 20 बागपुरा सांवेर रोड, उज्जैन को दोषी पाते हुए धारा 13(1)ई सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 04 वर्ष का सश्रम कारावास और 1 करोड 80 लाख रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक इंदौर महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा की गयी ।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 15.09.2011 को लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन में उप पुलिस अधीक्षक ओपी सागोरिया को सूचना मिली कि ओमप्रकाश विश्वप्रेमी पिता प्रहलाद पटवारी हल्का नंबर 61 लालपुरा तहसील जिला उज्जैन ने आय से ज्ञात स्त्रोतों से अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है । उपरोक्त सूचना के संबंध में गोपनीय जांच कराकर सत्यापन किया गया और प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिलने पर विपुस्था संगठन उज्जैन में अभियुक्त के विरूद्ध अधिनियम की धारा 13(1)(ई) एवं 13(2)केअंतर्गत अपराध क्र. 0/23/11 कायम किया गया । विवेचना दौरान आरोपी के निवास 20 बागपुरा सांवेर रोड,उज्जैन की तलाशी लेने पर अभियुक्त, उसकी पत्नी, मॉ एवं नौकर के नाम पर चल /अचल संपत्ति के मूल्यवान दस्तावेज, सोने चांदी के जेवरात, चार पहिया एवं दो पहिया वाहन एवं अन्य विलासिंता की वस्तुओं की इन्वेंट्री तैयार की गई । अभियुक्त के नौकर के बैंक खाते में 10,47,616 रूपए तथा 85,54,860 रूपए का संव्यवहार किया जाना पाया गया। अभियुक्त की पत्नी के दो खातों में 8,38,345 एवं 8,40,475 रूपए जमा होना पाया गया। अभियुक्त की मॉ के खातों में 2 लाख 50 हजार और 16,707 रूपए और 1,02,500 रूपए जमा होना पाया गया । इन खातों में अभियुक्त द्वारा बेनामी रूप से संव्यवहार किया गया । विवेचना में यह पाया गया कि अभियुक्त ने 01.04.2009 से छापा दिनांक तक भारी भ्रष्टाचार कर अपनी पत्नी, मॉ और नौकर के नाम पर अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की । प्रस्तुत मामले में विपुस्था लोकायुक्त संगठन भोपाल में अपराध क्र. 102/2011 पंजीबद्ध किया गया। सम्पूर्ण संपत्ति राजसात कराने में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक इंदौर महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा पुरजोर तरीके से न्यायालय के समक्ष रखा गया। उक्त मामले की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्र.2 इंदौर न्यायालय के प्राधिकृत अधिकारी यतीन्द्र कुमार गुरू ने मंगलवार दिनांक 30.11.2021 को आदेश पारित किया। जिसमें आरोपी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना 1 करोड 80 लाख से दण्डित किया गया। उल्लेखनीय है कि महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार के 17 प्रकरणों में लोकायुक्त का पक्ष रखते हुए सफलता अर्जित की है ।