यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव का समापन, विभिन्न विषयों पर विद्वान वक्ताओं ने दिया मार्गदर्शन

  
Last Updated:  October 31, 2022 " 01:29 am"

इंदौर : यंग थिंकर्स फोरम के बैनर तले स्थानीय डेली कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव का रविवार को समापन हुआ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कॉन्क्लेव के आयोजन की सराहना करते हुए युवाओं के ऐसे बौद्धिक कुंभ समय – समय पर होते रहने की पर जोर दिया।

शत्रु और मित्र बोध होना आवश्यक।

कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि आज के युवा को शत्रु बोध और मित्र बोध होना आवश्यक है। यदि हमें यह ज्ञान नहीं होगा तो कोई भी पीठ में छुरा घोप कर चला जाएगा। यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव जैसे आयोजन युवाओं के बौद्धिक प्रबोधन में सहायक होने की बात भी उन्होंने कही।

समापन कार्यक्रम में उपस्थित चिन्मय मिशन, चेन्नई से आए आचार्य स्वामी मित्रानंद ने युवाओं को ऊर्जा से भरा हुआ देखकर खुशी जाहिर की।उन्होंने भारतीय संस्कृति पर प्रश्न उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हिन्दू धर्म में हर महीने आने वाले त्योहारों के कारण रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ बाजारों में भी डिमांड बनीं रहती है। उन्होने युवाओं से अध्ययनशील रहने और प्रेम व आदर को अपने संबंधों में स्थान देने की बात कही।

दूसरे और अंतिम दिन विभिन्न विषयों पर संपन्न हुए सत्र।

कॉन्क्लेव की मीडिया समन्वयक ग्रीष्मा त्रिवेदी ने बताया कि “मैन्युफैक्चर्ड नैरेटिव: मनगढ़ंत और तथ्य में अंतर”, “भारतीय ज्ञान परंपरा और धर्म” तथा “शत्रुबोध और स्वयंबोध” जैसे विषयों पर विद्वान वक्ताओं ने प्रतिभागी युवाओं का मार्गदर्शन किया। इनमें ऑप इंडिया के फाउंडर और सीईओ राहुल रोशन, न्यूज एंकर अमन चोपड़ा, प्रख्यात पत्रकार और मप्र के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी, प्रो विजय कुमार मेनन, शतावधानी आर्य गणेश, बी माधवन, पंकज सक्सेना और राघव कृष्णा शामिल थे। इसी के साथ समूह चर्चा और सवाल – जवाब के दौर भी हुए।
आप इंडिया के फाउंडर व सीईओ राहुल रोशन ने कहा कि ‘नैरेटिव’ झूठ बोलकर नहीं सच छुपाकर तैयार किया जाता है।
किसी भी बात को लेकर पूर्वाग्रह रहने पर नैरेटिव और ज्यादा
मजबूत होता जाता है। राजनीति और मीडिया में भी कुछ लोग ऐसे तथ्य सामने रखते हैं, जिनका यथार्थ से कोई संबंध नहीं होता। लेकिन जिन लोगों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती वह इससे प्रभावित होकर गलत धारणा बना लेते हैं। जो
समाज के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। किसी भी खबर के पाठक के रूप में हमें तुरंत किसी खबर पर अपनी राय बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि कई बार हम यथार्थ को वास्तविक रूप में नहीं जान पाते हैं।

मनगढ़ंत है आजादी के बाद लिखा गया इतिहास।

प्रखर पत्रकार और सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने आजादी के बाद लिखे गए इतिहास को मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि वामपंथी लेखकों द्वारा इतिहास का सच छुपाया गया। उन्होंने मुगलों द्वारा हिंदू राजघरानों की लड़कियों को वस्तु की तरह बेंचने की बात कही। मॉब लिंचिंग को लेकर श्री तिवारी ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हिंदुओं के विरुद्ध झूठ फैलाने के लिए ऐसे तथ्य गढ़े जाते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी आजीविका के लिए कार्य करने के साथ इतिहास का भी अध्ययन करें और सच्चाई से अवगत हों।

सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदुओं को किया जाता है बदनाम।

प्रसिद्ध एंकर अमन चोपड़ा ने कहा कि भारत से ज्यादा सेकुलर देश दुनिया में कोई नहीं है। उन्होंने देश में सबसे बड़ा झूठ सेकुलरिज्म की शब्दावली को बताया। उन्होंने कहा कि सेकुलरिज्म के नाम पर हिंदुओं के विरुद्ध झूठा प्रचार किया जाता है। उन्होंने कहा आज झूठ बोलने वालों का नेटवर्क बहुत मजबूत हो चुका है। अमन चोपड़ा ने प्रतिभागी युवाओं से सच जानने और सभी तक इसे पहुंचाने का आग्रह किया।

भारतीय ज्ञान परंपरा और धर्म आधारित जीवन पद्धति पर जोर।

प्रो. विजय कुमार मेनन ने भारतीय ज्ञान परंपरा और धर्म
आधारित जीवन पद्धति को आगे ले जाने पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारा कर्म और धर्म है।

सनातन धर्म है यूनिवर्सल।

शतावधानी आर्य गणेश ने सनातन धर्म को यूनिवर्सल धर्म बताया। उन्होंने कहा कि धर्म वह होता है जिसकी प्रासंगिकता चारों और व्याप्त हो और जो कभी बदलता नहीं, हमारा सनातन धर्म इसी गुण के कारण यूनिवर्सल है। उन्होंने सत्य के आचरण को धर्म बताया।

ग्रंथों का अध्ययन करें युवा।

बी.माधवन ने स्वाध्याय और चिंतन को युवाओं के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने युवाओं से वाट्सअप पर आने वाले ज्ञान पर निर्भर न रहने और अपने ग्रंथों का अध्ययन कर, उन्हें समझकर भारतीय धर्म, दर्शन व संस्कृति को आगे बढ़ाने की बात कही।

शत्रु बोध से सजग रहें, स्वयं बोध को जगाएं।

उपरोक्त विषय पर बोलते हुए वक्ताओं ने शत्रुबोध के प्रति युवाओं को सजग किया। उन्होंने कहा कि स्वयं बोध को जगाकर हम सही – गलत का बोध कर सकते हैं।

कॉन्क्लेव की मीडिया समन्वयक ग्रीष्मा त्रिवेदी ने बताया कि दो दिवसीय इस बौद्धिक आयोजन में देशभर से आए युवा प्रतिभागियों ने शिरकत की। इनमें कई युवा ऐसे भी दें जिन्होंने राजनीति व अन्य क्षेत्रों में असाधारण काम कर अन्य युवाओं के समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया है।

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