भोपाल : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना काल में राजनीतिक सभाओं के आयोजन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाएं रद हो गई हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले को सीएम शिवराज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘मैं इस फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन इस फैसले के खिलाफ हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं। एक असमंजस की स्थिति बन गई है। मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं हो सकती हैं और दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती। मुझे पूरा विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय में हमें न्याय मिलेगा।
सभाएं निरस्त होने पर मांगी माफी।
सभाएं निरस्त होने पर सीएम शिवराज ने जनता से माफी मांगी है। सीएम ने ट्वीट किया है कि, ‘उनकी शाडोरा और बराच में सभाएं थीं, मैं वहां के नागरिकों से क्षमा मांगता हूं, हमने वो सभाएं निरस्त की हैं। उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक फैसला दिया है, जिसके तहत चुनावी रैली या सभाएं आयोजित नहीं की जा सकती हैं या चुनाव आयोग की अनुमति से ही आयोजित की जा सकती हैं’।
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला।
कोरोना काल में राजनीतिक कार्यक्रमों से इस महामारी के ज्यादा फैलने को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दायर की गई थी। उस पर हाईकोर्ट ने बुधवार को जारी एक आदेश में सभी तरह के राजनीतिक आयोजनों को प्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित करते हुए आधुनिक संचार साधनों से वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए निर्देश दिए हैं कि, चुनावी सभा के लिए पहले राजनीतिक दल या प्रत्याशी से आवेदन लिया जाए। आवेदन पर कलेक्टर अपनी व्यवस्था देंगे, जिसे चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। उसके बाद आयोग द्वारा सभा को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सभा में आने वाले व्यक्तियों के हिसाब से मास्क और सैनिटाइजर की राशि कलेक्टर कार्यालय में जमा करानी होगी। ये आदेश मुरैना, शिवपुरी, भिंड, ग्वालियर, दतिया, गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में प्रभावी होगा।