गीता भवन में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव में धूमधाम से मना राम राज्याभिषेक, दीपोत्सव की रही धूम।
इंदौर : रामकथा हमारे विवेक को जागृत कर उसे सही दिशा में ले जाती है। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि हम प्रभु श्रीराम के मंदिर के नवनिर्माण के साक्षी बने हैं। हमारे बुजुर्गों ने मंदिरों को तोड़ने और ध्वस्त करने का दौर देखा होगा, लेकिन हम इस दृष्टि से बहुत भाग्यशाली हैं कि राष्ट्र में एक नए ‘राम युग’ का सूत्रपात हुआ है। यह भारत को फिर से विश्व गुरू बनाने की शुरुआत है। राम कथा हमारे जीवन में सत्य, प्रेम, त्याग और सदाचार का शिलान्यास करती है। यह राम धर्म से राष्ट्र धर्म को जोड़ने का सार्थक प्रयास है। ये प्रेरक विचार हैं वृंदावन के प्रख्यात संत आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज के, जो उन्होंने गीता भवन स्थित सत्संग सभागृह में गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट एवं गीता भवन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव में समापन प्रसंग पर व्यक्त किए।कथा में अंतिम दिन राम राज्याभिषेक का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। अयोध्या में रामलला के विराजित होने की खुशी में गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से गीता भवन में भव्य दीपोत्सव, रंगारंग आतिशबाजी और पुष्प वर्षा के बीच यह उत्सव संपन्न हुआ। प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से व्यासपीठ का पूजन श्रीमती कनकलता-प्रेमचंद गोयल, कृष्णा-विजय गोयल, निधि-गोपाल गोयल, अमृता-आशीष गोयल, निधि-आनंद गोयल, स्वाति-अंकित गोयल एवं प्राची-आदित्य गोयल आदि ने किया। कथा में उत्सवों की श्रृंखला में हनुमान चरित्र, राम राज्य अभिषेक एंव 56 भोग का विशिष्ट आयोजन किया गया। पांच हजार से अधिक भक्तों ने इस अवसर पर सभी उत्सवों में भाग लिया। इस दौरान प्रभु श्रीराम के जयघोष से गीता भवन परिसर गुंजायमान बना रहा।