इंदौर : पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कमलनाथ पर मुख्यमंत्री रहते हिंदुओं के साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताव का आरोप लगाकर एक नई बहस छेड़ दी है। मंगलवार को बीजेपी के मालवा मिल स्थित वार रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि सीएम रहते कमलनाथ ने हिन्दू विरोधी निर्णय लेकर समग्र हिन्दू समाज की एकता और समरसता को तोड़ने का प्रयास किया।
उन्होंने मन्दिरों की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स लगाया। यही नहीं मन्दिरों की जमीन बिल्डरों को देने की बात भी कही थी।
अपने स्वार्थ के लिए सीएए विरोधियों का दिया साथ।
उषा ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए सीएए विरोधियों का साथ दिया। जबकि ये कानून पाक, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित होकर भारत में शरण लेने वाले अल्पसंख्यक हिन्दू भाइयों को नागरिकता देने के लिए लाया गया। कांग्रेस ने इस कानून को लेकर भ्रम फैलाने का काम किया। यही नहीं इंदौर के बड़वाली चौकी में बिना अनुमति तम्बू लगाकर बैठे सीएए विरोधियों को हटाने वाले पुलिस कर्मियों को ही हटा दिया गया।
आदिवासियों को हिन्दू समाज से काटने का रचा षड्यंत्र।
आदिवासियों को हिंदुओं से अलग करने का कमलनाथ सरकार ने षड्यंत्र रचा था। उनकी सरकार में आदिवासियों को धमकाया जाता था कि उन्होंने अपने- आपको हिन्दू लिखवाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जबकि आदिवासी समाज प्राचीन काल से ही हिन्दू समाज का हिस्सा रहा है।
इमामों को वजीफा, पुजारियों को कुछ नहीं।
मंत्री उषा ठाकुर और वरिष्ठ नेता बाबूसिंह रघुवंशी ने आरोप लगाया कि पूर्व की कमलनाथ सरकार ने सरकारी खजाने से मस्जिदों के इमामों को वजीफा देने का निर्णय लिया जबकि ये काम वक़्फ़ बोर्ड का है। बोर्ड इमामों को वजीफा देने में सक्षम है। पुजारियों की मदद करने में कमलनाथ ने कभी रुचि नहीं दिखाई।
महिलाओं के लिए अलग शराब दुकान खोलने की बात कही थी।
उषा ठाकुर व बाबूसिंह रघुवंशी ने कहा कि कमलनाथ सरकार हिन्दू विरोधी होने के साथ महिला विरोधी भी थी। उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए अलग शराब दुकान खोलने का तुगलकी फरमान जारी किया था। ऐसा करके वे पूरे परिवार को ही बर्बादी की कगार पर धकेल देना चाहते थे।
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सोच ही हिन्दू विरोधी रही है। 15 माह की कमलनाथ सरकार के अधिकांश निर्णय हिन्दूओं के विरोध में थे।