इंदौर : संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने पारदर्शिता के साथ रिकॉर्ड समय में नर्सों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की। चयनित आवेदकों को जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और सांसद शंकर लालवानी ने नियुक्ति पत्र सौपे। इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा, गौरव रणदिवे और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित भी उपस्थित थे।
नर्सिंग स्टाफ की भर्ती से कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में मेडिकल चिकित्सा विभाग में नर्सों की कमी पूरी हुई है।
नव चयनित नर्सों को सम्बोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने उन्हें शुभकामनाएं दी। सिलावट ने कहा कि समाज को आप लोंगो की विशेष जरूरत है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को बहुत जल्द पूरा किया गया है। मंत्री सिलावट ने कमिश्नर डॉ शर्मा को इसके लिए बधाई दी।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि आज विकट समय है हमे घबराना नहीं है। आपकी हिम्मत ही मरीज को नया जीवन देगी। आपको धैर्य और पूर्ण निष्ठा से काम करना होगा। आपको सेवा को मौका मिला है। आप आमजन के विश्वास पर खरे उतरे। उन्होंने कमिश्नर डॉ. शर्मा के प्रयासों की सराहना की और कहा कि डॉ. शर्मा की मेहनत का ही परिणाम है कि रिकॉर्ड समय में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि आज के समय में इतनी जल्दी कोई भी भर्ती प्रक्रिया पूरी करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गत 26 अप्रैल से ही विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया रिकॉर्ड समय में पूरी की गई। इस प्रक्रिया के तहत योग्यता, मेरिट और पारदर्शिता के साथ 229 नर्सों का चयन किया गया है। इन्हें 6 अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें से 178 पद इंदौर के लिए तथा 51 पद खंडवा के लिए हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि चयनित नर्सों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है। वह लोग तत्काल ज्वाइन कर सकते हैं। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चयनित नर्सिंग स्टाफ कोरोना के खिलाफ जंग में हमारे सैनिक हैं। इनके प्रयासों से कोरोना की जंग हम निश्चित ही जीतेंगे।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि नर्सो कि यह नियमित और स्थाई नियुक्ति है, जिसमें उन्हें 35-40 हज़ार रुपये प्रति माह की सैलरी मिलेगी। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और मेरिट के आधार पर एक रिकॉर्ड समय में पूरी की गई है। इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया गया है। संभागायुक्त डॉक्टर शर्मा ने कहा है कि यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक प्रयास है।