केवल दस रुपए में लोगों को उपलब्ध होगा कपड़े का थैला।
शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की दिशा में नगर निगम की बड़ी पहल।
एलआईजी चौराहे पर रिसाइकल्ड सामग्री से निर्मित उत्कृष्ट कलाकृति बाघ का भी किया गया लोकार्पण।
प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर लगाए थैला एटीएम के जरिए मात्र 10 रूपये में मिलेगा कपडे का थैला।
इंदौर : शहर को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा नया प्रयोग किया गया है। इसके तहत क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन प्रारंभिक तौर पर 56 दुकान पर लगाई गई है। थैला एटीएम मशीन का स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल द्वारा लोकार्पण किया गया। इसके अलावा प्रवासी भारतीय सम्मेलन के चलते नगर सौंदर्यीकरण कार्य के तहत एलआईजी चौराहे पर रिसाइकल्ड सामग्री से निर्मित कलाकृति बाघ का भी लोकार्पण स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल ने किया। इस अवसर पर अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, डी आर लोधी, उपयंत्री सौरभ माहेश्वरी, 56 दुकान एसोसिएशन के पदाधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
स्वास्थ्य प्रभारी अश्विन शुक्ल ने बताया कि शहर को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के उद्देश्य से प्रारंभिक तौर पर शहर के 4 स्थानो जिनमें ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर के बाहर, 56 दुकान, खजराना, राजवाड़ा पर थैला एटीएम मशीन लगाई गई है। उन्होने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इसी प्रकार की थैला एटीएम लगाई जाएगी, इनमें सब्जी मंडी, हॉकर्स जोन आदि प्रमुख हैं। थैला एटीएम से लोग कपड़े का थैला मात्र रूपये 10 में प्राप्त कर सकेंगे। इस मशीन मे रूपये 10 के नोट एवं 10 का सिक्का डालकर कपड़े का थैला प्राप्त किया जा सकता है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से भी इस एटीएम से थैला प्राप्त किया जा सकता है। इससे आमजन प्लास्टिक की बजाय कपड़े के थैले का इस्तेमाल सब्जी व अन्य सामान लाने – ले जाने के लिए कर सकेंगे।
लोहे के स्क्रैप को वेल्ड कर बनाई बाघ की कलाकृति।
एलआईजी चौराहे पर रिसाइकल्ड सामग्री से निर्मित एक उत्कृष्ट कलाकृति स्वच्छता की दहाड़ – बाघ का निर्माण किया गया है। अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा ने बताया कि बाघ को लोहे के स्क्रैप से एक साथ वेल्ड करके बनाया गया है, जो 12 फीट लंबा, 4 फीट ऊँचा और 4 फीट की मोटाई के साथ 3 फीट चौड़ा है। इसकी संरचना के लिए स्क्रैप में लोहे की चादरें, विभिन्न आकार के लोहे के टुकड़े, टिन बॉक्स एवं उसके शरीर के लिए एल्यूमीनियम और तेल के डिब्बे व मूंछों के बालों के लिए लोहे की छड़ें, शरीर के अंदर की संरचना के लिए लोहे की सलाखें, बेकार लोहे का दरवाजा और जीभ व मुंह के लिए लोहे के जाल का इस्तेमाल किया गया है। इस रचनात्मक एवं शक्तिशाली कलाकृति का वजन 150 किलोग्राम है। इसे ह्यूमन मैट्रिक्स सेक्यूराइट द्वारा तैयार किया गया है।
बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के लिए विभिन्न स्थानों पर कचरे से कई कला लेख और कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है जिसमें बाघ आकर्षण का मुख्य केंद्र है। बाघ अपने आप में गरिमा, क्रूरता, कठोरता, साहस के साथ ऊर्जा का प्रतीक है इसलिए यह राष्ट्रीय पशु के रूप में गौरवान्वित है।