इंदौर : बौद्धिक विचार विमर्श भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हमेशा से रहा है। भारत की ज्ञान परंपरा के आदि शंकराचार्य से लेकर तमाम महापुरुष वाहक रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि देश की आजादी के बाद वैदिक काल से समृद्ध रहे भारतीय दर्शन को राजनीतिक हितों की खातिर दरकिनार कर विदेशी विचार और परंपराओं को थोपने का प्रयास किया गया। पर अब हालात बदल रहे हैं। भारत की प्राचीन बौद्धिक विरासत को पुनः स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। पुरानी पीढ़ी ही नहीं, नव युवा भी इस काम में अपना योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में युवाओं की संस्था यंग थिंकर्स फोरम ने भारतीय ज्ञान परंपरा को उभारने और उससे युवाओं को जोड़ने का उपक्रम प्रारंभ किया है। शनिवार से डेली कॉलेज के सभागार में शुरू हुआ दो दिवसीय यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव इसी उपक्रम का हिस्सा है। देशभर के बौद्धिक रूप से सजग और समृद्ध युवा इस कॉन्क्लेव में सहभागी होकर विविध विषयों पर अपने विचारों का आदान – प्रदान कर रहे हैं।
कॉन्क्लेव के पहले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुए उद्घाटन सत्र के बाद देर शाम तक कई चर्चा सत्र आयोजित किए गए। इनमें एकेश्वरवाद के मूल सिद्धांत पर चिंतक, विचारक एसके श्रीवास्तव और प्रो. वीरुप्रकाश जद्दीपल ने अपनी बात रखी, वहीं प्रोटेस्ट कल्चर पद्धति पर संदीप बालकृष्णन, राम शर्मा और सौम्या डे ने अपना वक्तव्य दिया। इस दौरान सवाल – जवाब का दौर भी चला।
सांप्रदायिकता, कट्टरवाद के पीछे एकेश्वरवाद।
प्रज्ञा प्रवाह के संस्थापक और ख्यात विचारक जे नंदकुमार ने भी इस दौरान कॉन्क्लेव में भाग ले रहे युवा प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने गीता का संदर्भ देते हुए कहा कि कर्मशील व्यक्ति ही बुद्धजीवी कहलाने का हकदार होता है। उन्होंने परिवार व्यवस्था पर मंडरा रहे खतरे पर चिंता जताई।कट्टरवाद के मूल में एकेश्वरवाद होने की बात भी उन्होंने कही।
रविवार को ये हो रहे सत्र।
यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव के दूसरे दिन रविवार को आयोजित सत्रों में विभिन्न विषयों पर विजय मनोहर तिवारी, अमन चोपड़ा, राहुल रोशन, पंकज सक्सेना, राघव कृष्णा, शतावधानी आर गणेश, प्रो. महादेवन, विजय कुमार मेनन युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। कॉन्क्लेव के समापन सत्र में चिन्मय मिशन, चेन्नई के स्वामी मित्रानंद और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव अतिथि के बतौर मौजूद रहेंगे।
डेली कॉलेज भी कर रहा सहभागिता।
अहम बात ये है कि युवाओं का यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल डेली कॉलेज में न केवल आयोजित है, बल्कि स्कूल प्रबंधन आयोजन में सक्रिय सहभागिता भी निभा रहा है। डेली कॉलेज गवर्निंग बॉडी के प्रेसीडेंट विक्रम सिंह पंवार के मुताबिक इस बौद्धिक विमर्श से निकलने वाले सार को स्कूल के छात्र – छात्राओं को भी अवगत कराया जाएगा, ताकि वे भी भारतीय ज्ञान की परंपरा से लाभान्वित हो सके।