अयोध्या में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मालवा प्रांत में भी छाएगा उल्लास

  
Last Updated:  December 12, 2023 " 08:17 pm"

घरों, मंदिरों में होंगे भजन – कीर्तन, मनेगा दीपोत्सव।

जगह – जगह निकलेंगी प्रभात फेरियां।

सेवाभारती बस्तियों में जाएगी श्रीराम भक्ति का अलख।

इंदौर : स्वतंत्रता के बाद चला श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन भारत की अस्मिता और पहचान का संघर्ष था। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में नव निर्मित मंदिर में होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भारतीय स्वाभिमान एवं गौरव की पुनर्स्थापना है। यह राममंदिर से राष्ट्रमंदिर के अप्रतिम भाव का प्रतीक भी है। जन-जन के मन में प्रभु श्रीराम के प्रति जो आस्था है , उसके प्रकटीकरण का चरम इस अवसर पर दृष्टिगत हो रहा है। समाज में भी अपने अपने मनोभाव से इस अवसर पर विशिष्ट भावों का प्रकटीकरण विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से होगा। इस मौके पर प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी, जनजागरण होगा, बस्तियों में सेवाकार्य के साथ श्री रामभक्ति का अलख जगाया जाएगा। घर – घर दीप रोशन किए जाएंगे। ये जानकारी आरएसएस के मालवा प्रांत के संघ चालक डॉ. प्रकाश शास्त्री ने दी। मालवा प्रांत के सह कार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता भी इस दौरान मौजूद रहे।

12 हजार से अधिक गांवों में करेंगे संपर्क।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में मालवा प्रान्त के 12 हजार से अधिक गांवों तथा 8 हजार से अधिक नगरीय मोहल्लों में हजारों टोलियां घर-घर संपर्क करेंगी। दो हजार से अधिक समयदानी कार्यकर्ता दस दिन के लिए अपने घर से दूर गाँव मोहल्ले में रहकर इस अभियान की टोलियों का गठन करेंगे। हर तहसील में सामाजिक सद्भाव बैठक होंगी। हिन्दू समाज के सभी जाति-समाज के बंधू भगिनी एक जाजम पर बैठ कर जनजागरण की योजना बनाएंगे।हर घर भगवा, हर मुख से रामधुन को लेकर जगह – जगह आयोजन किए जाएंगे। मालवा प्रांत से लगभग 100 से अधिक संत अयोध्या में होने वाले प्राणप्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे।

07 जनवरी को चिमनबाग मैदान पर होगा सेवाभारती का बड़ा कार्यक्रम।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि इन्दौर में सेवा भारती द्वारा मेरी बस्ती -मेरी अयोध्या के अंतर्गत बस्तियों को राम-मय करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा 07 जनवरी को चिमनबाग मैदान पर सेवा भारती के बैनर तले बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें बस्तियों में किए जाने वाले सेवा कार्यों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला जाएगा।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मंदिरों में करें भजन – कीर्तन।

डॉ. शास्त्री ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मालवा निमाड़ की ओर से समस्त समाज जनों से आग्रह किया है कि आगामी पौष शुक्ल द्वादशी विक्रम संवत 2080 सोमवार दिनांक 22 जनवरी 2024 को जब प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को,श्री राम जन्मभूमि पर निर्मित नवीन मंदिर भूतल के गर्भ ग्रह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, उस दौरान आनंद व उल्लास का वातावरण बनाने के साथ घर के द्वार पर रंगोली व वंदनवार से सजावट करें।अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी स्थित किसी भी मंदिर में राम भक्तों को एकत्रित करके भजन कीर्तन करें। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि अपने – अपने क्षेत्रों में मकर संक्रांति से 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होनेवाले प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन तक प्रभात फेरियां निकालें।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह का होगा लाइव प्रसारण।

उन्होंने बताया कि अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का टेलीविजन चैनलों से सीधा प्रसारण होगा। टेलीविजन अथवा एलईडी स्क्रीन लगाकर सामूहिक रूप से जगह – जगह इसका प्रसारण किया जाएगा।

श्रीराम जय राम, जय जय राम विजय महामंत्र का करें जाप।

डॉ. शास्त्री के अनुसार 22 जनवरी को विजय महामंत्र “श्री राम जय राम जय जय राम” का 108 बार सामूहिक जाप करने, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड व राम रक्षा स्त्रोत आदि का सामूहिक पाठ करने, शंख ध्वनि, घंटा नाद, आरती और, प्रसाद वितरण का आह्वान भी लोगों से किया जा रहा है।

घर – घर जलाएं दीप।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि लोगों से प्राण प्रतिष्ठा के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने दीपक जलाने, विद्युत सजावट करने और दिवाली की तर्ज पर दीपोत्सव मनाने की भी अपील की गई है।

ऐसा है अयोध्या में निर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर।

मंदिर परंपरागत नगर शैली में निर्मित है।

मंदिर की लंबाई (पूर्व पश्चिम ) में 380 फीट,चौड़ाई 250 फीट एवं ऊंचाई 161 फीट है।

तीन मंजिला मंदिर की प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है।

भूतल गर्भागृह में प्रभु श्रीराम बाल रूप में स्थापित होंगे और श्रीराम लला का विग्रह प्रथम तल पर गर्भ में श्रीराम दरबार होगा।

कुल पांच मंडप होंगे, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ मंडप (सभा मंडप) प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।

खंबे,दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां होगी।

प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियां (ऊंचाई 16.5 फीट ) चढ़कर सिंहद्वार होगा।

दिव्यांगजन तथा वृद्धो के लिए रैंप एवं लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।

चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार ) लंबाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चारों कोनों पर चार मंदिर भगवान सूर्य,शंकर, गणपति, देवी भगवती के होंगे। परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर होगा।

मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीता कूप होगा।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ,महर्षि विश्वामित्र,महर्षि अगस्त्य,निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या के होंगे।

दक्षिण-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार एवं राम भक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना होगी।

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