मोहता भवन में प्रवचनों के दौरान मुनिश्री प्रमाण सागर जी ने कही ये बात।
युवा संगठनों को आचार संहिता बनाने तथा धर्म और धार्मिक कार्यक्रम को ही करने की दी सलाह।
इंदौर : आधुनिकता के नाम पर पाश्चात्य अपसंस्कृति को बढ़ावा न दें। सामाजिक कार्यों को करना बहुत अच्छा और प्रशंसनीय है लेकिन संगठन के नाम पर अपनी सांस्कृतिक परंपरा को छिन्न-भिन्न करना अच्छी बात नहीं है। दुर्भाग्य है कि आजकल जिस प्रकार से संगठनों का विस्तार किया जा रहा है, उसी के साथ युवा अपसंस्कृति की ओर भी उन्मुख होते जा रहे हैं। इसके दूरगामी परिणाम बहुत भयावह है। उन्होंने समाज के एक युवा संगठन की ओर इशारा करते हुए कहा कि विगत दिनों जिस प्रकार से भूतहा पार्टी कर मनोरंजन किया गया। इस प्रकार की पार्टी घोर निंदनीय है यह संस्कृति, धर्म और परंपरा के विरूद्ध है। यह तो किसी भी अर्थ में उचित है ही नहीं।यह एक पैशाचिक कृत्य है भूतहा पार्टी में भूत की आकृति बनाकर कृत्य करोगे तो मरकर भी भूत ही बनोगे।
मुनिश्री प्रमाण सागर ने शंका समाधान के अन्तर्गत एक प्रश्न का उत्तर देते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह अवांछनीय और निंदनीय कृत्य है। जिस जैन युवा संगठन ने यह कार्य किया है उनको इस बात का प्रायश्चित करना चाहिए तथा इस प्रकार के घोर पाप की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में पाश्चात्य संस्कृति की इस अंधी दौड़ से बचना चाहिए। उन्होंने युवा संगठनों को आचार संहिता बनाने तथा धर्म और धार्मिक कार्यक्रम को ही करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़े सभी पक्षों को प्रायश्चित कर भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम न करने की शपथ लेना चाहिए।
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोर्ट्स वर्ल्ड), नवीन-आनंद गोधा, अशोक-रानी दोषी, हर्ष जैन एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि रविवार 20 अक्टूबर को रेसकोर्स रोड़़ स्थित मोहता भवन में सुबह 8.15 से 9.30 बजे तक राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ एवं उनके परिवार के लिए विशेष प्रवचनों का सत्र आयोजित किया गया है। मुनिश्री प्रमाण सागर राष्ट्र व राष्ट्रीयता विषय पर अपने उद्गार व्यक्त करेंगे। रविवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए विशेष तैयारियों की जा रही है।