उच्च न्यायालय ने याचिका ग्रहण की।
फेस 2 एम जी रोड अन्डर ग्राउण्ड मेट्रो ट्रेन के विरूद्ध मेट्रो रेल प्रबंधन, जिलाधीश,नगर निगम, को नोटिस।
इंदौर : उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी की एमजी रोड अंडरग्राउंड मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर दायर याचिका को स्वीकार करते हुए मेट्रो रेल प्रबंधन, कलेक्टर, व नगर निगम को नोटिस जारी किए हैं। याचिका में कहा गया कि भानगड उत्तर दिशा व देव गुराडिया दक्षिण दिशा में 300 फिट ढलान लिए शहर के मध्य एम जी रोड स्थित है। यहां 80 फीट गहराई मे काले पत्थर को काटकर टनल बनाने से ग्राऊंड वाटर संरचना छिन्न-भिन्न हो जाएगी जबकि इन्दौर भूजल मामले में डार्क जोन में जा चुका है । नर्मदा आने के 55 वर्ष बाद भी आधा शहर भूजल पर निर्भर है ।
याचिकाकर्ता के मुताबिक ऐतिहासिक धरोहर से 100 मीटर परिधी में एक फीट मिट्टी खोदना व उसके बाद 200 उत्खनन निर्माण प्रतिबंधित है जबकि मेट्रो रुट पर 33 हरोहर स्थित हैं।इसका उल्लंघन करने पर जेल व जुर्माने कि सजा का प्रावधान है ।
बताया गया कि किसी भी योजना को लागू करने से पूर्व जिला योजना समिति में प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है । न्यायालयीन आदेश के बाद भी 1100 दिनों में समिति की बैठक नहीं हुई है ।प्रभारी मंत्री व जन प्रतिनिधि इसके सदस्य हैं।
पहले टेन्डर, फिर नोटिफिकेशन, फिर अधिग्रहण प्रकिया नियम विरुद्ध अपनाई गयी है ।
किशोर कोडवानी ने बताया कि उपरोक्त तमाम मुद्दे 7/1/2025 को दायर याचिका में उठाए गए। महेश वर्मा व शेखर गिरी सह याचिकाकर्ता बने हैं। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।