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राज्य शिखर सम्मान कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री डॉ. यादव।

विभिन्न विधाओं को 15 विभूतियों को शिखर सम्मान से किया अलंकृत।

भोपाल : भारत भवन और रंग मंडल के नाम से हमारे प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। शिथिल पड़ी रंग मंडल की गतिविधियों को पुनः शुरू किया जाएगा। इसके संचालन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय मार्गदर्शन करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार को भोपाल में भारत भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा कला, संस्कृति एवं साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किए जाने वाले राज्य स्तरीय “राज्य शिखर सम्मान” का वितरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नौ विधाओं की 15 प्रतिष्ठित विभूतियों को सम्मानित किया। राज्य शिखर सम्मान के अंतर्गत सम्मानित व्यक्तियों को सम्मान पट्टिका और दो लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। यह समारोह, प्रदेश की कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मान देने के लिए आयोजित किया जाता है।

मप्र की कला व संस्कृति की अलग पहचान।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आगे कहा, कलाकार के लिए एक पल का इंतजार भी मुश्किल होता है। लेकिन कोविड ने कुछ पुरस्कारों की राह रोक दी थी। अब इनका शीघ्रता से निराकरण और वितरण किया जा रहा है।हमारा प्रदेश कलाओं से समृद्ध प्रदेश है। यहां की कला देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है।
उन्होंने कहा कि मप्र की धरती ने बाहर से आए कलाकारों को भी सम्हाला, सराहा, काम और सम्मान दिया। मप्र ऐसा इकलौता प्रदेश है, जहां कोई एक बार आता है तो यहीं का होकर रह जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकार भावुक, कोमल हृदय और अपनी बात लोगों के मन तक पहुंचाने के माहिर होते हैं।समृद्धि से कला विकसित होती है और हम प्रदेश की समृद्धि के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं।

इन्हें मिला सम्मान :-


हिंदी साहित्य : 2022 का सम्मान डॉ. उर्मिला शिरीष (भोपाल)।

उर्दू साहित्य: 2023 का सम्मान महमूद अहमद सहर (उज्जैन)।

संस्कृत साहित्यः 2022 का सम्मान डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर) और 2023 का सम्मान डॉ. गोविंद दत्तात्रेय गंधे (उज्जैन)।

शास्त्रीय संगीत : 2022 का सम्मान विदुषी कल्पना झोकरकर (इंदौर) और 2023 का सम्मान विदुषी शाश्वती मंडल (दिल्ली)।

शास्त्रीय नृत्य : 2022 का सम्मान मोहिनी मोघे (जबलपुर) और 2023 का सम्मान विदुषी भारती होमबल (भोपाल)।

रूपंकर कलाएं : 2022 का सम्मान ईश्वरी रावल (इंदौर) और 2023 का सम्मान हरि भटनागर (बड़ौदा)।

नाटक : 2022 का सम्मान राम जोग (इंदौर) और 2023 का सम्मान सतीश दवे (उज्जैन)।

दुर्लभ वाद्य वादन : 2023 का सम्मान पं. सुनील पावगी (ग्वालियर)।

जनजातीय एवं लोक कलाएं : 2022 का सम्मान रामसिंह उर्वेती (पाटनगढ़) और 2023 का सम्मान कैलाश सिसोदिया (धार)

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