कश्मीर को बचाने के लिए डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने दिया था अपना बलिदान

  
Last Updated:  June 24, 2025 " 06:52 pm"

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण।

इंदौर : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर विजयनगर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।

इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्ण मुरारी मोघे ने कश्मीर बचाओ आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डाला और कहां की आज अगर कश्मीर भारत के साथ है, तो इसका श्रेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान और जनसंघ के संघर्ष को जाता है।

भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते कश्मीर में धारा 370 और वर्क परमिट की प्रथा का विरोध करते हुए कश्मीर में प्रवेश किया, उन्हें गिरफ्तार करते हुए षडयंत्र पूर्वक जेल में यातनाएं देकर मार दिया गया। भारतीय जनसंघ के दबाव के चलते देश की जनता के गुस्से के कारण कांग्रेस सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू को मजबूर होकर कश्मीर जाने के लिए लगने वाले वर्क परमिट को खत्म करना पड़ा, किंतु 370 का विरोध जन संघ के बाद भाजपा ने किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धारा को 370 का खात्मा हुआ। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के कारण ही कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना रह सका ।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी देश के सर्वाधिक उच्च शिक्षित राजनीतिक नेताओं में से एक थे। उन्होंने कश्मीर को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया।

इस अवसर पर विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, गोपी कृष्णा नेमा, प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी टीनू जैन, राजेंद्र राठौड़, चंदू राव शिंदे, बबलू शर्मा, नंदकिशोर पहाड़िया ,मुद्रा शास्त्री,कमल वाघेला, बालमुकुंद सोनी, पूजा पाटीदार, सूरज कैरो, रामदास गर्ग,मंडल अध्यक्ष पृथ्वी गोरे,श्रीमती वृंदा गौड़, गोविंद पंवार, सुरेंद्र बाजपेई आदि उपस्थित थे।

इस दौरान 11 पौधों का पौधा रोपण भी प्रतिमा स्थल पर किया गया।

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