फिल्म सिनेमेटोग्राफर अर्चना बोरहड़े ने छात्रों को सिखाई फिल्म एनालिसिस की बारीकियां।
इंदौर : सिनेमा के प्रति अगर आपके दिल में दीवानगी और अटूट प्रेम नहीं है, तो फिल्म इंडस्ट्री में लंबे समय तक टिक पाना असंभव है। जब आप अपनी मेहनत को बड़े पर्दे पर जीवंत होते देखते हैं, तो सारी थकान और चुनौतियां एक पल में गायब हो जाती हैं। हर सुबह सिनेमा के लिए नई सकारात्मक ऊर्जा के साथ जागने वाला व्यक्ति ही इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकता है। यह बात प्रतिष्ठित फिल्म सिनेमेटोग्राफर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनप्ले राइटर अर्चना बोरहड़े ने प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (पीआईएमआर), इंदौर यूजी कैंपस में मास कम्युनिकेशन के छात्रों को एक सत्र में मार्गदर्शन देते हुए कही।
सत्र की मॉडरेटर पूजा जैन के साथ संवाद में बोरहड़े ने अपनी फिल्म `कारखानिसांची वारी’ की निर्माण यात्रा और फिल्म निर्माण की गहराई को साझा किया। उन्होंने बताया कि जब एक्टर्स की डेट्स लॉक होने के बाद प्रोड्यूसर ने फिल्म के लिए मना कर दिया, तब उन्होंने अपनी बचत, क्राउड फंडिंग और दोस्तों से उधार लेकर फिल्म को खुद प्रोड्यूस किया। उन्होंने कहा, शूटिंग के दौरान मौसम की वजह से कई मुश्किलें आईं, लेकिन पूरी टीम और कलाकारों के सहयोग से हमने फिल्म को पूरा किया।
बोरहड़े ने कोविड काल की चुनौतियों का भी जिक्र किया, जब पोस्ट-प्रोडक्शन और रिलीज में कई बाधाएं आईं। फिर फिल्म को टोक्यो फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया, जिसके बाद ओटीटी और सैटेलाइट राइट्स की बिक्री हुई। उन्होंने गर्व से बताया कि हमारी फिल्म को विभिन्न श्रेणियों में कई पुरस्कार मिले, और प्रत्येक पुरस्कार के साथ हमें नया दर्शक वर्ग मिला।
जब उनसे पूछा गया कि वे शूटिंग के लिए बैकग्राउंड कैसे चुनती हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि फिल्म के किरदार भी एक यात्रा पर होते हैं। इस यात्रा में हर दृश्य को सटीकता के साथ जीवंत करना जरूरी है। बैकग्राउंड कहानी को और गहराई देता है।
इस अवसर पर प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन, मोनिका जैन, पूजा जैन, डायरेक्टर कर्नल डॉ. एस. रमन अय्यर, मास कम्युनिकेशन विभाग के प्रमुख एम.जे. खान के साथ ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और फैकल्टी उपस्थित थे।
कर्नल अय्यर ने बताया कि पीआईएमआर ने हाल ही में फिल्म और डिजिटल कम्युनिकेशन विभाग शुरू किया है, जिसमें फिल्म निर्माण से संबंधित कई कोर्स शामिल हैं। इस विभाग में फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों जैसे प्रख्यात प्रोड्यूसर-डायरेक्टर राहुल रवैल और सिनेमेटोग्राफर अर्चना बोरहड़े को प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विभाग फिल्म स्टडीज और डिजिटल मीडिया में इंडस्ट्री-आधारित शिक्षा को और मजबूत करेगा, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुभव प्राप्त होंगे।