इंदौर : कमलनाथ सरकार के खिलाफ बीजेपी द्वारा कलेक्टर कार्यालय पर किये गए किसान आक्रोश आंदोलन के दौरान विधायक आकाश विजयवर्गीय उदबोधन चर्चा का विषय बन गया। धरना- प्रदर्शन के लिए लगाए गए मंच से पार्टी के नेता बारी- बारी से कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। देपालपुर के पूर्व विधायक मनोज पटेल ने अपने उदबोधन के दौरान बिजली कम्पनी के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को थमाए गए हजारों – लाखों के बिल माफ नहीं किये गए तो उन्हें कमरे में बंद कर दिया जाएगा। मनोज पटेल की बात को विधायक आकाश विजयवर्गीय ने आगे बढाते हुए कहा कि किसानों के बिजली के बिल तुरंत माफ होने चाहिए, ‘वरना अधिकारियों को पता है हम खाली हाथ तो घूमते नहीं हैं।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस बात को घर- घर पहुंचाने का आग्रह किया कि बीजेपी के शासन में 24 घंटे बिजली सिर्फ 200 रुपए में मिलती थी जबकि कांग्रेस की सरकार पर्याप्त बिजली देने की बजाय हजारों रुपए के बिल थमा रही है।
बल्ला कांड से जोड़कर देखा जाने लगा बयान।
विधायक आकाश विजयवर्गीय का ये बयान चर्चित होने के साथ कुछ समय पूर्व हुए बल्ला कांड से जोड़कर देखा जाने लगा। इससे कांग्रेसियों को एक बार फिर आकाश विजयवर्गीय पर निशाना साधने का मौका मिल गया।
आकाश ने दी सफाई..!
आंदोलन खत्म होने के बाद जब पत्रकारों ने विधायक आकाश विजयवर्गीय से बिजली अधिकारियों को लेकर दिए बयान पर सवाल किए तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका आशय ऐसा कुछ नहीं था जैसा समझा जा रहा है। दीपावली के मद्देनजर हाथ में मिठाई का डब्बा लेकर वे अधिकारियों के पास जाएंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि वे किसानों को भारी भरकम बिजली के बिलों से राहत प्रदान करें। ये पूछने पर की क्या मिठाई के डिब्बे के साथ वे पटाखे भी लेकर जाएंगे, आकाश का कहना था कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
आपको बता दें कि बारिश के सीज़न में जेलरोड क्षेत्र में एक खतरनाक मकान तोड़ने गए निगम के दस्ते को आकाश ने कार्रवाई से रोकने का प्रयास किया था। वे चाहते थे कि वहां रह रहे लोगों को कुछ दिन की मोहलत दे दी जाए, पर निगम अधिकारियों ने मोहलत देने से इनकार कर दिया था। इसी बात पर विवाद होने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय ने एक निगम अधिकारी पर बल्ला चला दिया था। उस मामले में एफआईआर दर्ज होने पर आकाश को 2-3 दिन जेल में भी रहना पड़ा था।