गीता विषाद को प्रसाद में बदलने का ग्रंथ है : जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
गीता भवन में चल रहे अ.भा. गीता जयंती महोत्सव में आएंगे जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज। इंदौर : गीता का प्रत्येक मंत्र अनुशीलन योग्य है।सृष्टि में ज्ञान को ही सर्वोपरि माना गया है। जैसे शरीर के अन्य अंगों को भी अलग-अलग पदार्थों से तृप्ति मिलती है, वैसे ही आत्मा को भी ज्ञान से ही तृप्ति मिलती है। जीव ही कर्म उपासना करता है, इसलिए जीव को सबसे ऊपर माना गया है। गीता के छठे अध्याय में स्पष्ट कहा गया है और पढ़े