इंदौर : मप्र में कांग्रेस की सरकार बने एक साल से ज्यादा समय हो गया है। सीएम कमलनाथ के करीबी और मंत्रियों के समर्थक तो किसी न किसी तरह उपकृत हो रहे हैं लेकिन आम कार्यकर्ता की कोई पूछपरख नहीं हो रही है। सरकार और संगठन की बेरुखी से निराशा का अनुभव कर रहे कार्यकर्ताओं ने रविवार को एक रेस्टोरेंट में मिलन समारोह के जरिये अपनी पीड़ा को बयां किया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टण्डन की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं और महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। उनका कहना था कि शासन- प्रशासन स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं होती। अधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं देते। सीएम और मंत्रियों के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को दूर रखा जाता है। बरसों तक कांग्रेस के लिए संघर्ष करने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी जाती। कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के रवैये को लेकर भी सवाल खड़े किए।
बाला बच्चन कमजोर गृहमंत्री।
कार्यकर्ताओं में मंत्रियों को लेकर भी नाराजगी देखने को मिली। उनका कहना था कि मंत्री चाटुकारों से घिरे रहते हैं। उन्हें आम कार्यकर्ताओं की फिक्र नहीं है। खासकर गृहमंत्री बाला बच्चन को लेकर कार्यकर्ता ज्यादा मुखर नजर आए। उन्होंने बाला बच्चन की क्षमता पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि वे मंत्री पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीजेपी के शासन काल में उनपर लादे गए मुकदमें अभी तक वापस नहीं लिए गए हैं। कई बार गृहमंत्री बाला बच्चन का ध्यान इस ओर दिलाया गया पर वे केवल आश्वासन की पुड़िया थमा देते हैं।
महिला कांग्रेस नेत्रियों ने भी जताई नाराजगी।
शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष शशि यादव, कविता शुक्ला ने भी मंत्री सज्जन वर्मा और संगठन के नेताओं के समक्ष मुखर होकर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि महिला कांग्रेस को पार्टी में तवज्जो नहीं मिलती। पार्टी कार्यक्रमों की सूचना तक उन्हें नहीं दी जाती। किसी भी कार्यक्रम में महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों को मंच पर स्थान नहीं दिया जाता, उनसे सलाह- मशविरा नहीं किया जाता।
कांग्रेस के संघर्ष के दिनों के साथी रहे कार्यकर्ताओं को मिले टिकट।
कार्यक्रम में निकट भविष्य में होनेवाले निकाय चुनाव का भी मुद्दा उठा। इस दौरान उन कार्यकर्ताओं को टिकट वितरण में प्राथमिकता देने की मांग की गई जिन्होंने कांग्रेस के विपक्ष में रहते संघर्ष किया और उसे सत्ता तक पहुंचाने की राह आसान बनाई।
किचन कैबिनेट सब तय कर लेती है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने माना कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आए एक साल से ज्यादा हो चुका है पर कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं हुई।उन्होंने बेबाकी के साथ कहा कि किचन कैबिनेट (सीएम के इर्दगिर्द रहने वाले नेता- अधिकारी) ही सबकुछ तय कर लेती है। अधिकारियों की नियुक्ति और तबादलों में कार्यकर्ताओं की राय ली जानी चाहिए पर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है। अधिकारी ही सरकार के आंख, नाक और कान हो गए हैं।
स्थानीय स्तर पर ही तय हो निकाय चुनाव प्रत्याशी।
मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन का काम स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही सौंप दिया जाना चाहिए। भोपाल या दिल्ली में बैठे लोगों को जमीनी वास्तविकता का पता नहीं होता।
सीएम कमलनाथ को जमीनी हकीकत से कराएंगे अवगत।
मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि वे सीएम कमलनाथ को कार्यकर्ताओं की भावना और जमीनी हकीकत से अवगत कराएंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे थोड़ा सा धैर्य रखें। उनका संघर्ष बेकार नहीं जाएगा। जल्द ही सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बिठाकर कार्यकर्ताओं की शिकायतें दूर की जाएंगी।
कार्यक्रम में शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टण्डन, प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौकसे व एआईसीसी के इंदौर प्रभारी ज्योत सिंह बिष्ट ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में मोहन सेंगर, पिंटू जोशी, अमन बजाज, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।कार्यक्रम के आयोजन में अनूप शुक्ला, विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी की प्रमुख भूमिका रही।