2047 तक 5 करोड़ पौधे लगाने का है लक्ष्य।
इंदौर प्रेस क्लब के चाय पर चर्चा कार्यक्रम में बोले ट्री मैन विष्णु लांबा ।
इंदौर के स्वच्छता में नंबर वन होने की सराहना की।
इंदौर : देश भर में ट्री मैन के नाम से मशहूर पर्यावरणविद विष्णु लांबा और जयपुर में पुलिस विभाग में नौकरी करते हुए भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता लाने में जुटी उमा व्यास बुधवार को इंदौर प्रवास के दौरान इंदौर प्रेस क्लब के चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। दोनों ने पौधारोपण के जरिए पर्यावरण को सहेजने के अपने कार्य की जानकारी पत्रकारों के साथ साझा की।
अब तक लगा चुके हैं एक करोड़ पेड़।
राजस्थान के जयपुर निवासी ट्री मैन विष्णु लांबा ने बताया कि उन्हें यह नाम पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिया था। उन्होंने बचपन में अपनी दादी के साथ पौधे लगाना शुरू किया था जो बाद में नित्यक्रम में बदल गया। अब तक उन्होंने एक करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं जो पेड़ों का रूप ले चुके हैं।इसके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कई पुरस्कार व सम्मान मिल चुके हैं। कई राज्य उन्हें पर्यावरण का ब्रांड एंबेसेडर बनाने का प्रस्ताव दे चुके हैं। महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने उन्हें ग्रीन आर्मी का एंबेसेडर नियुक्त किया था।
बचपन में पौधे लगाने के लिए चुराकर लाते थे।
विष्णु लांबा ने बताया कि राजस्थान के टोंक जिले के लांबा गांव में 3 जून 1987 को उनका जन्म हुआ। सात साल की उम्र से ही उन्होंने घर के आंगन में पौधे लगाना शुरू कर दिया था। पौधे लगाने का शौक ऐसा था की गांव के घरों व खेतों से पौधे चुराकर ले आता था। इसी के चलते गांव के लोग उन्हें पौधा चोर भी कहते थे।
पर्यावरण संरक्षण के लिए घर छोड़ा।
ट्री मैन लांबा बताते हैं कि पौधे लगाने और पर्यावरण संरक्षण के जुनून के चलते उन्होंने बरसों पहले घर – बार छोड़ दिया। उनका सपना है की वे पर्यावरण की दृष्टि से 100 आदर्श गांव बनाएं। अपनी संस्था कल्पतरु के माध्यम से वे इसके लिए प्रयासरत हैं।
रामचरित मानस में मिलता है पौधारोपण का उल्लेख।
पर्यावरणविद विष्णु लांबा के मुताबिक पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण की परंपरा हजारों साल पुरानी है। श्री रामचरित मानस में इसका उल्लेख मिलता है। पर्यावरण प्रेम हमारी परंपराओं में निहित है।
देवराई पद्धति से करते हैं पौधारोपण।
लांबा के मुताबिक वे प्राचीन देवराई पद्धति से पौधारोपण करते हैं। पौधे लगाने के साथ ड्रिप इरिगेशन के जरिए पौधों को पानी देते हैं और उनकी समुचित देखभाल करते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को उपहार के बतौर पौधे भेंट करने के लिए प्रेरित करते हैं। अपने भाई की शादी में उसके ससुराल पक्ष से भी कल्पतरु के दो पौधे उपहार में देने का अनुरोध किया था, तो उन्होंने ट्रैक्टर भर के पौधे भेंट कर दिए थे।
अवैध कटाई और खनन का विरोध करने पर हो चुके हैं हमले।
विष्णु लांबा ने बताया कि पेड़ों की अवैध कटाई और अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने पर तीन बार उनपर जानलेवा हमले हो चुके हैं।
स्वच्छता में नंबर वन की पहचान को बरकरार रखें।
इंदौर के स्वच्छता में लगातार छह बार नंबर वन आने की तारीफ करते हुए ट्री मैन लांबा ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से इंदौर स्वच्छता में सिरमौर बना हुआ है।अपनी इस पहचान को हमेशा बनाएं रखें।
अगला सिंहस्थ शिप्रा को समर्पित हो।
उन्होंने बताया कि वे अपनी संस्था कल्पतरु के जरिए क्षिप्रा नदी के किनारे सघन पौधारोपण करने का अभियान चला रहे हैं। वे चाहते हैं कि अगला सिंहस्थ शिप्रा और पर्यावरण को समर्पित हो।
राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल हो पर्यावरण संरक्षण।
ट्री मैन लांबा ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने एजेंडे में पर्यावरण संरक्षण को भी शामिल करना चाहिए। ये वक्त की जरूरत भी है।
2047 तक 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य।
सरकारी नौकरी करते हुए पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी थानेदार उमा व्यास ने बताया कि संस्था कल्पतरु के माध्यम से पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण का काम 13 देशों और भारत के 22 राज्यों में चल रहा है। लाखों सदस्य इससे जुड़कर पर्यावरण मित्र के बतौर काम कर रहे हैं। 2047 तक हमारा लक्ष्य 5 करोड़ पौधे लगाने का है।
ट्री मैन विष्णु लांबा और पर्यावरणविद उमा व्यास ने पत्रकारों के सवालों के भी जवाब दिए। इंदौर प्रेस क्लब की ओर से महासचिव हेमंत शर्मा ने दोनों अतिथियों का स्वागत किया।