अलग- थलग पड़े अजित पंवार, मुश्किल में बीजेपी..!

  
Last Updated:  November 23, 2019 " 07:14 pm"

इंदौर : महाराष्ट्र में संवैधानिक नियम- प्रक्रिया को धता बताकर रात के अंधेरे में चोरी छुपे सरकार बनाने का बीजेपी का दांव उल्टा पड़ गया है। जिस अजित पंवार को साधकर उसने एनसीपी विधायकों को तोड़ने और बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश की वह बेदम साबित हुई है। सरकार बनाने के बाद जश्न मना रहे बीजेपी नेताओं के चेहरे पर शाम होते- होते हवाइयां उड़ने लगी। आतिशबाजी की चमक गायब हो गई और लड्डुओं का स्वाद कसैला हो गया। चाचा शरद पंवार भतीजे अजित पंवार पर भारी पड़ गए।

अलग- थलग पड़े अजित पंवार..

दरअसल अजित पंवार पर दांव लगाकर बीजेपी ने यह मान लिया था कि उसने जंग जीत ली है। एनसीपी विधायक दल के नेता होने से अजित पंवार के पास एनसीपी के सभी 54 विधायकों के दस्तखत वाली सूची थी, उसी को राज्यपाल के समक्ष पेश कर बहुमत का दावा किया गया और सुबह- सुबह फडणवीस ने सीएम व अजित पंवार ने डिप्टी सीएम की शपथ लेकर सरकार का गठन भी कर लिया। इस घटनाक्रम से सकते में आए शरद पंवार ने इसे अजित पंवार का निजी फैसला बताया। बीजेपी को लग रहा था कि उसने भतीजे अजित पंवार को अपने पाले में कर चाचा शरद पंवार को पटखनी दे दी है पर उसकी यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी। शाम को शरद पंवार द्वारा बुलाई गई बैठक में एनसीपी के 49 विधायक मौजूद रहे। यहां तक कि अजित पंवार के साथ समूचे घटनाक्रम के भागीदार समझे जा रहे धनंजय मुंडे भी पलटी मारकर बैठक में पहुंच गए। अजित पंवार सहित केवल 5 विधायक ऐसे थे जो बैठक से नदारद रहे। साफ नजर आ रहा था कि एनसीपी को तोड़ने की बीजेपी की कवायद नाकाम हो गई है और अजित पंवार अलग- थलग पड़ गए हैं। नाराज शरद पंवार ने भी भतीजे अजित पंवार को उसकी जगह दिखाने में देर नहीं लगाई और एनसीपी विधायक दल के नेता पद से उनको हटा दिया। उनकी जगह जयंत पाटिल को नया नेता बना दिया गया। आगे कोई गड़बड़ न हो इस बात की सतर्कता बरतते हुए सभी 49 विधायकों को एक होटल में ले जाया गया।

शिवसेना की मायूसी मुस्कान में बदली।

शनिवार सुबह के नाटकीय घटनाक्रम से मायूस नजर आ रहे शिवसेना नेताओं के चेहरे पर भी शरद पंवार की विधायकों के साथ बैठक के बाद खिल गए। उनकी खोयी हुई मुस्कान लौट आई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी अपनी पार्टी के विधायकों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्दी ही शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार बनने जा रही है।

गिर सकती है बीजेपी सरकार।

देवेंद्र फडणवीस ने भले ही दुबारा सीएम पद की शपथ ले ली हो लेकिन दिनभर चले घटनाक्रम के बाद बहुमत साबित करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। डिप्टी सीएम अजित पंवार के अकेले पड़ने से बीजेपी गहरे संकट में फंस गई है। संभावना यही जताई जा रही है कि फ्लोर टेस्ट से पहले ही फडणवीस अपनी सरकार का इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं।

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