आईएमए के दो दिवसीय इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव का समापन

  
Last Updated:  March 3, 2024 " 09:29 am"

देशभर से आए कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों ने साझा किए अपने अनुभव।

समय के साथ हो रहे बदलावों को देखते हुए नई प्रोद्योगिकी और नवाचार अपनाने पर दिया जोर।

आर्थिक विकास और पर्यावरण में संतुलन साधने की जरूरत को किया रेखांकित।

इंदौर : आईएमए (इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन) के 31 वे इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव का समापन शनिवार को हुआ। दो दिवसीय इस कॉन्क्लेव में देशभर से आए कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों ने अपने अनुभव साझा करने के साथ व्यवसायिक सफलता के गुर बताए । उन्होंने भविष्य में अवसरों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।कॉन्क्लेव की थीम ‘वैश्विक क्षमता को अनलॉक करना, भारत के भविष्य को आकार देना’ रखी गई थी।

दूसरे दिन के सत्रों की शुरुआत उदयपुर के महाराज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, आईएमए के अध्यक्ष अखिलेश राठी, एसआरके एक्सपोर्ट्स के संस्थापक व अध्यक्ष गोविंदभाई ढोलकिया और अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।

सफलता के लिए जड़ों से जुड़े।

उदयपुर महाराज लक्ष्याराज सिंह ने पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा सफलता के लिए अपनी जड़ों से जुड़ना जरूरी है।उन्होंने विनम्रता पर जोर देने के साथ जीवन को आकार देने में समय प्रबंधन की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 21 वी सदी भारत की होगी।

भारत को आगे बढ़ाने में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की अहम भूमिका।

एसबीआई भोपाल के मुख्य महाप्रबंधक चंद्रशेखर शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारा हर प्रयास सस्टेनेबल होना चाहिए। भारत को आगे ले जाने में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि 2024 अंत तक हम 04 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएंगे।

उदारता प्रचुरता को जन्म देती है।

एसआरके एक्सपोर्ट्स के संस्थापक गोविंदभाईं ढोलकिया ने कर्मचारियों के साथ संवेदनशील रवैया अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उदारता प्रचुरता को जन्म देती है।आप जितना देंगे उससे अधिक रिटर्न आपको मिलेगा। पैसा ही सुख दे सकता है, ऐसा नहीं है। सुख हमारी समझ में है।

वैश्विक आर्थिक गिरावट में भी भारत की उच्च विकास दर रही।

अबेक्कस एसेट मैनेजर मुंबई के संस्थापक, उद्योगपति सुनील सिंघानिया ने कहा कि वैश्विक आर्थिक गिरावट के बावजूद भारत ने 06 से 07 फीसदी की विकास दर को बनाए रखा है। सतत विकास भारत के असाधारण लचीलेपन को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था भारत में भरपूर कमाई के साथ व्यवसायों को बदल रही है।

समय का कुशलता पूर्वक प्रबंधन करें।

दिग्गज उद्योगपति और वी 2 रिटेल लिमिटेड दिल्ली के एमडी रामचंद्र अग्रवाल ने कहा कि अपने सभी कार्यों में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा बनाए रखे।सीखने और अन्वेषण के लिए जिज्ञासु मानसिकता को बढ़ावा दें। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें और उत्पादकता के लिए समय का कुशलता पूर्वक प्रबंधन करें।

आर्थिक विकास और पर्यावरण के बीच हो संतुलन।

इसुजु मोटर्स इंडिया लिमिटेड, चेन्नई के एमडी राजेश मित्तल ने आर्थिक विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन साधने के लिए विभिन्न विकास लक्ष्यों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, समुद्र के प्रदूषण को नियंत्रित करने, जंगलों को संरक्षित करने, कचरा प्रबंधन और मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने की बात कही।उन्होंने भेदभाव खत्म करने, जल व स्वच्छता, श्रम अधिकार, आर्थिक समानता, बेरोजगारी, संसाधनों का प्रबंधन जैसे मुद्दों पर काम करने की जरूरत बताई।

व्यवसाय में नवाचार अपनाएं।

उद्योगपति स्नेहल देसाई ने अपने बेबाक अंदाज और तथ्यात्मक उद्बोधन से उपस्थित लोगों की खूब तालियां बटोरी। उन्होंने उद्यमशीलता के पीछे मौलिकता और सार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने केवल लाभ कमाने की बजाय अर्जित आय का एक हिस्सा सेवा कार्यों में लगाने की बात कही। उनका मानना था कि सफल व्यवसाय कड़ी मेहनत व जुनून से प्रेरित होते हैं, नवाचार पर पनपते हैं और सार्थक प्रभाव पैदा करते हैं। उन्होंने जीवन में सादगी के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

प्रोद्योगिकी को अपनाएं।

इंडिया बुल्स हाउसिंग के निदेशक एसएस मुंद्रा ने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार को गतिशील प्रक्रिया का प्रतीक बताया। डिजिटल समाधान और डेटा उपयोग को प्राथमिकता देते हुए प्रोद्योगिकी को अपनाने पर बल दिया। ड्राइव बिग का मंत्र अर्थात डिजिटल परिवर्तन, रिफॉर्म, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, इकोफ्रेंडली, बायलेटरल, इनोवेशन और रिसर्च व ग्रोइंग टू गैदर की अहमियत को स्पष्ट किया।

कारोबार में महिलाओं की भागीदारी को दें बढ़ावा।

त्रिवेणी टरबाइन लि. नई दिल्ली के प्रबंध निदेशक निखिल साहनी ने कारोबार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने व्यावसायिक प्रथाओं में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। साहनी ने देश में मजबूत तकनीकि बुनियादी ढांचे के निर्माण करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।

युवाओं का भविष्य उज्ज्वल।

फिल्म निर्माता व निर्देशक प्रकाश बेलावड़ी ने कहा कि भारत में युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है।उन्होंने कहा कि पूर्व तैयारी अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने में बड़ी भूमिका निभाती है। बेलावड़ी ने बेहतर जीवन जीने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति सजग रहने की बात कही।

कॉन्क्लेव का समापन अतुल खत्री के हास्य – व्यंग्य से भरपूर उच्च नोट के साथ हुआ। देश भर से आए कारोबारी जगत के करीब 900 प्रतिनिधियों ने इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेकर इसे सफल बनाया।

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