इंदौर : शिवशाहीर बाबा साहेब पुरंदरे के अवसान से इंदौर में भी उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। महाराष्ट्र समाज, तरुण मंच और शहीद कै प्रतीक पुणतांबेकर ट्रस्ट की ओर से स्व. पुरंदरे को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इंदौर से रहा गहरा नाता।
श्रद्धेय बाबा साहब का इंदौर से गहरा नाता रहा है । अपने महानाट्य जाणता राजा के प्रयोग के दौरान वे लंबी अवधि तक इंदौर में पलसीकर कॉलोनी स्थित दीवान पलसीकर के निवास स्थान पर रहे । जाणता राजा का पहला प्रयोग मराठी में इंदौर के वैष्णव स्कूल के स्टेडियम में हुआ था जबकि उसका हिंदी में मंचन नेहरू स्टेडियम में किया गया था।
बाबा साहेब पुरंदरे का अंतिम बार इंदौर आगमन मार्च 2011 में हुआ था, जब रविन्द्र नाट्य गृह में शहीद प्रतीक पुणताँबेक़र की स्मृति में एक आयोजन तरुण मंच और शहीद प्रतीक पुणतांबेकर ट्रस्ट द्वारा किया गया था । ख्यात अभिनेत्री सुलभा देशपांडे ने इस कार्यक्रम में बाबा साहब के साथ मंच साझा किया था । उस कार्यक्रम में बाबा साहब ने कहा था मैंने अपने जीवन मे अनेक कार्यक्रमो में भाग लिया है लेकिन शहीदों की स्मृति में जितना अच्छा और सुव्यवस्थित कार्यक्रम इंदौर में हुआ है वैसा मैंने कहीं नहीं देखा ।
90 वर्ष की उम्र में भी उस वक्त बाबा साहब पुरंदरे में असीम ऊर्जा थी । हिंदवी स्वराज्य के प्रणेता शिवाजी के चरित्र को सही अर्थों में बाबा साहब ने ही नई की पीढ़ी के समक्ष रखा।
तरुण मंच के प्रशांत बडवे, महाराष्ट्र समाज के सुनील धर्माधिकारी, शहीद प्रतीक पुणतांबेकर के पिताजी रविन्द्र पुणतांबेकर सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने बाबा साहब पुरंदरे को श्रद्धांजलि अर्पित की है ।