इंदौर : महाराष्ट्र, गुजरात में काम करनेवाले यूपी, बिहार के प्रवासी मजदूरों के इंदौर बायपास से होकर गुजरने वाले काफिले अब नहीं के बराबर रह गए हैं। पैदल जाने वाले मजदूर अब नजर नहीं आते। दरअसल अब मप्र सरकार ने सेंधवा में महाराष्ट्र से लगी सीमा पर ही प्रवासी मजदूरों के लिए सारा इंतजाम कर दिया है। मप्र की सीमा में दाखिल होते ही प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग, विश्राम, भोजन, पेयजल और यूपी की सीमा तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था मप्र सरकार ने कर रखी है। अभी तक हजारों मजदूरों को यूपी की सीमा तक पहुंचाया जा चुका है। यही कारण है कि 8 – 10 दिन पहले तक भूख और गर्मी से बेहाल प्रवासी मजदूरों के जो जत्थे इंदौर बायपास से गुजरते दिखाई देते थे, अब नजर नहीं आते।
अभी भी जारी है जनसेवा का सिलसिला।
मई के शुरुआती दिनों में प्रवासी मजदूरों की बदहाली की खबरें, तस्वीरें और वीडियो ने मां अहिल्या की नगरी इंदौर के लोगों को द्रवित कर दिया था। तत्काल शहर के समाजसेवी, धार्मिक, व्यापारिक, औद्योगिक संगठन,बिल्डर्स, विभिन्न समाजों के पदाधिकारी, राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता और प्रोफेशनल जरूरत की तमाम सामग्री लेकर बायपास पर पहुंच गए थे। देखते ही देखते बायपास पर प्रवासी मजदूरों की मदद करने की होड़ सी मच गई थी। देवदूत बनें इन मददगारों ने प्रवासी मजदूरों को हर वो सामग्री उपलब्ध कराई, जिसकी उन्हें जरूरत थी। भोजन, फल, पेयजल, दूध चाय, नाश्ता, छांछ, फलों का रस आदि सबकुछ उन्हें मुहैया कराया गया। यही नहीं नंगे पैर चल रहे बच्चों, बड़ों और महिलाओं को जूते- चप्पल तक दिए गए ताकि भीषण गर्मी में उनके पैर न जलें। बाद में जिला प्रशासन और नगर निगम भी सक्रिय हुए थे। प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को वाहनों से जिले की सीमा तक छुड़वाने की व्यवस्था की थी तो नगर निगम ने उनके लिए विश्राम, भोजन के पैकेट और पेयजल का प्रबंध किया था। प्रवासी मजदूरों ने भी माना कि इंदौर के लोग उनके लिए मसीहा बनकर आए। उन्होंने उन्हें भोजन, पानी से लेकर वो सबकुछ दिया, जिसकी उन्हें दरकार थी।
मप्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए महाराष्ट्र की सीमा पर ही भोजन, पानी और बसों का इंतजाम कर दिए जाने से पैदल जाने वाले मजदूरों की संख्या न के बराबर रह गई है। इसके चलते ज्यादातर संगठनों ने अब बायपास पर सेवा कार्य बंद कर दिया है लेकिन कुछ लोग अभी भी डटे हुए हैं। वे बायपास से गुजरने वाली बसों और अन्य वाहनों को, यदि उनमें यात्री बैठे हों को रोक कर उन्हें भोजन, चाय, नाश्ता आदि करवा रहे हैं।
दोस्तों का समूह मिलकर प्रवासी मजदूरों की कर रहा सेवा।
बायपास पर तेजाजी नगर के समीप शिवमपुरी कॉलोनी में रहने वाले दोस्तों का समूह प्रवासी मजदूरों को ले जा रही बसों को रोककर उन्हें तरबूज, पानी, बच्चों के लिए दूध आदि का वितरण कर रहा है। इसी के साथ वे बच्चों और बड़ों को चप्पलें भी दे रहें हैं, ताकि वे नंगे पैर न रहें। इन युवाओं का नेतृत्व कर रहे सुनील गालानी ने बताया कि वे बीते कुछ दिनों से यहां प्रवासी मजदूरों को सेवा दे रहे हैं।सोनू भाटिया, वीरेंद्र हार्डिया, सोनू झंड, बलराम अजनोंदिया आदि साथियों ने आपस में चंदा करके इसकी शुरुआत की थी, बाद में अन्य लोग भी जुड़ते गए। सुनील गालानी ने बताया कि फल कारोबारी कमल पटेल का उन्हें बहुत सहयोग मिला। उन्होंने न्यूनतम दरों पर उन्हें फल उपलब्ध कराए।
बलाई समाज के लोग भी कर रहे मानवता की सेवा।
बायपास पर प्रगतिशील बलाई समाज सेवा संघ ने भी अपना टेंट लगा रखा है। संगठन के राजू गोयल और उनके साथी अभी भी प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी, सब्जी- रोटी और अन्य खाद्य पदार्थों का वितरण कर रहे हैं। जो भी पैदल जाते हुए नजर आता है, वे उसे प्रेम से खाना खिलाते हैं। प्रवासी मजदूरों से भरी बसों को रोक कर उन्हें भी वे खिचड़ी का वितरण कर रहे है। सुबह वे चाय- पोहे का वितरण भी करते हैं। राजू गोयल के मुताबिक वे हजारों जोड़ी चप्पलों का वितरण भी मजदूरों में कर चुके हैं।
इसके अलावा भी ऐसे कई लोग हैं जो सुबह- शाम बायपास पर पहुंचकर जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों की सेवा कर रहे हैं।हालांकि अब प्रवासी मजदूरों की आमद काफी कम हो चली है लेकिन पीड़ित मानवता की सेवा का जो जज्बा इंदौर के लोगों ने दिखाया है, वो पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है।