क्षतिग्रस्त बिटुमीन रोड के स्थान पर बनेगी व्हाइट टॉपिंग सीमेंट कांक्रीट सडक।
एमवाय सर्किल तिराहा से एबी रोड तथा राजबाडा के एक तरफ होगा व्हाइट टॉपिंग कार्य।
इंदौर : इंदौर में पहली बार व्हाइट टॉपिंग सड़क का निर्माण होने जा रहा है। डेन्टल कॉलेज चौराहे से ए.बी. रोड़ तक एवं राजवाड़ा चौक के एक तरफ क्षतिग्रस्त बिटुमीन रोड़ के स्थान पर लगभग रू. 75 लाख की लागत से व्हाइट टॉपिंग सीमेन्ट कांक्रीट सड़क निर्माण किया जाएगा। बुधवार को एम वाय सर्किल तिराहा के पास महापौर पुष्यमित्र भार्गव और जानकारी समिति प्रभारी राजेश राठौर ने अत्याधुनिक तकनीक की इस सड़क का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती पंखुड़ी जैन, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी, नरेश जायसवाल,पराग अग्रवाल, देवेन्द्र व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि व्हाइट टॉपिंग सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण की नवीन तकनीक है। पहले जहां डामर के साथ ही सीसी रोड का निर्माण होता था, वहीं अब व्हाइट टॉपिंग सीमेंट कांक्रीट का काम किया जा रहा है।इससे रोड के निर्माण की लागत कम आती है वही इसकी वारंटी भी रहती है। यह इंदौर की पहली व्हाइट टॉपिंग सीमेंट कांक्रीट होगी।
महापौर भार्गव ने बताया कि शहर के व्यस्ततम मार्गाे पर जहां वर्तमान में डामर की सड़क निर्मित है, उनके लगातार संधारण की आवश्यकता होती है। उन्होने कहा कि इन्दौर शहर में पुरानी डामर सड़क के स्थान पर सामान्य सीमेन्ट कांक्रीट सड़क का निर्माण पूर्ण सेक्शन में खुदाई करने के बाद जी.एस.बी., डी. एल.सी. एवं पी.क्यू.सी. का कार्य कर किया जाता हैं।व्हाइट टॉपिंग सीमेण्ट कांक्रीट तकनीक में डामर की टॉप लेयर स्क्रेप कर कांक्रीट ओवर-लेप किया जाता है।
महापौर भार्गव व जनकार्य प्रभारी राठौर ने बताया कि व्हाइट टॉपिंग सीमेण्ट कांक्रीट तकनीक में डामर की टॉप लेयर स्क्रेप कर कांक्रीट ओवर-लेप किया जाता है। जिसमें समय एवं संसाधनों की बचत होती है। व्हाईट टापिंग सीमेन्ट कांक्रीट तकनीक में एम-40 ग्रेड सीमेन्ट कांक्रीट में फाइबर मेश का उपयोग किया जाता है। इसी के साथ सीमेन्ट कांक्रीट पेवमेन्ट पर एक मीटर अंतराल पर ग्रुव काटे जाते है। उक्त सड़क निर्माण से यातायात सुगम होगा। नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा इन्दौर शहर मे व्हाइट टॉपिंग पद्धति से सड़क निर्माण कार्य पहली बार हो रहा है। यह प्रयोग सफल होने पर अन्य डामर की सड़कों का भी व्हाइट टॉपिंग पद्धति से निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डामर की सड़क में बारिश की वजह से बार-बार गड्डे निर्मित हो जाते है, व्हाइट टॉपिंग सड़क निर्माण मे ऐसी स्थिति निर्मित नही होगी।उक्त योजना के अंतर्गत लगभग रू. 75 लाख अनुमानित लागत से 350 मी. लंबाई एवं 12 मी. चौड़ाई की व्हाइट टॉपिंग सीमेन्ट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया है।