इंदौर : अनलॉक 2 में लोगों के लापरवाही बरतने का नतीजा है कि इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार 9 जुलाई को संक्रमितों की तादाद 5 फीसदी से ज्यादा हो गई। मृत्यु दर पहले ही 5 फीसदी से ऊपर चल रही है। स्वास्थ्य विभाग में बेपरवाही का आलम ये है कि अप्रैल माह में कोरोना से हुई मौतों की पुष्टि अब की जा रही है। कुल मिलाकर लोग जागरूक नहीं हुए तो लॉकडाउन की नौबत फिर आ सकती है।
एक लाख के पार पहुंची टेस्टिंग, बढ़ रहे पेंडिंग मामले…
शुक्रवार 10 जुलाई को 1438 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए। 1759 सैम्पलों की जांच की गई। 1652 सैम्पल निगेटिव पाए गए। 89 सैम्पलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 5 रिपीट पॉजिटिव मिले जबकि 13 जांच योग्य नहीं होने से खारिज किए गए।
प्रशासन भले ही दावा कर रहा हो कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई गई है पर जितने सैम्पल लिए जा रहे हैं, उस अनुपात में टेस्टिंग नहीं हो पा रही है, नतीजे में पेंडिंग सैम्पलों की संख्या बढ़ रही है। बीते तीन दिनों में ही 19 सौ सैम्पल पेंडिंग हो गए हैं। आज दिनांक तक की बात करें तो कुल टेस्टिंग सैम्पलों की संख्या 1 लाख 702 हो गई है। इनमें 5176 पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में मरीज ठीक हो रहे हैं।
अप्रैल के 2 सहित 3 मरीजों की मौत की पुष्टि..!
इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की हद ही कहा जा सकता है की अप्रैल माह में ज
कोरोना से हुई मौतों की पुष्टि अब की जा रही है। शुक्रवार को भी अप्रैल माह के 2 सहित 3 मरीजों की कोरोना से मौत की पुष्टि की गई। इन्हें मिलाकर अब तक 261 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है। यानी कुल संक्रमितों के 5 फीसदी से ज्यादा मरीज अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं।
77 फीसदी मरीजों ने भेदा कोरोना का चक्रव्यूह।
इंदौर में आज दिनांक तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 77 फीसदी मरीज कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं। शुक्रवार को 10 मरीज कोरोना के चक्रव्यूह को भेदकर बाहर निकल आए। इन्हें मिलाकर अब तक 3956 मरीज कोरोना को शिकस्त देने में कामयाब रहे हैं। 959 मरीजों का इलाज विभिन्न कोविड अस्पतालों में चल रहा है।