इतनी बड़ी रंगोली को दिमाग में बिठाकर धरातल पर उतारना आसान नहीं

  
Last Updated:  December 25, 2022 " 10:47 pm"

वर्षा की विशाल रंगोली का अवलोकन करने के बाद बोले उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत व कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे।

इंदौर : विभिन्न लोक कलाओं को अपनी रंगोली में साकार रूप देने वाली वर्षा सिरसिया की हौसला अफजाई करने रविवार को उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी,मप्र भोपाल के निदेशक जयंत भिसे भी गांधी हॉल परिसर पहुंचे। कला और संस्कृति से बरसों से जुड़े जयंत भिसे इतनी विशालकाय रंगोली देखकर प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने वर्षा की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी।

इतनी बड़ी रंगोली की दिमाग में इमेज बनाना चुनौतीपूर्ण।

रंगोली के अवलोकन के बाद जयंत भिसे ने कहा कि दिमाग में इतनी बड़ी रंगोली को विजुअलाइज करना और उसे धरातल पर उतारना किसी चुनौती से कम नहीं है। वर्षा सिरसिया ने लोक कलाओं के अलग – अलग स्वरूपों को एक ही रंगोली में जिसतरह साकार किया है, वह वाकई अविश्वसनीय, अनूठा और अदभुत कार्य है। इसके लिए वर्षा वाकई बधाई की पात्र है। श्री भिसे ने कहा कि वर्षा के हुनर को वे पहले भी कई रंगोलियों में देख चुके हैं पर इस बार वर्षा ने जो कमाल किया है, वह अकल्पनीय है। उन्होंने वर्षा को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कई विशिष्ट जनों ने किया रंगोली का अवलोकन।

वर्षा ने गांधी हॉल परिसर में 6075 स्क्वेयर फीट की इस रंगोली को कड़ी मेहनत से आकार दिया था। उनकी इस रंगोली में लोक कलाओं के साथ पारंपरिक माध्यम का भी समावेश था। लोगों के प्रतिसाद को देखते हुए तीन दिन के लिए प्रदर्शित इस रंगोली को करीब एक हफ्ते तक तक अवलोकनार्थ रखा गया। रविवार शाम इसका समापन हुआ।

कई विशिष्टजनों ने किया अवलोकन।

वर्षा की इस अनूठी और भव्य रंगोली के प्रति आम लोगों के साथ विशिष्टजनों में भी खासा आकर्षण देखा गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की धर्मपत्नी जूही भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, वरिष्ठ नेता प्रमोद टंडन, ख्यात कलाकार शुभा वैद्य,बीजेपी नेता गोविंद मालू और स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल सहित कई गणमान्य लोगों ने वर्षा की इस विशाल रंगोली का अवलोकन किया और उसकी सराहना की।

आगे भी नवाचार के साथ बनाएंगी रंगोली।

लोगों से मिले प्रतिसाद और प्रशंसा से उत्साहित वर्षा सिरसिया ने कहा कि वे आगे भी नवाचार के साथ लीक से हटकर रंगोली का निर्माण करती रहेंगी। इसी के साथ नई पीढ़ी तक रंगोली की विधा पहुंचाने के लिए एक एकेडमी शुरू करने का भी उनका लक्ष्य है।

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