इंदौर : जीएसटी विभाग द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट के जीएसटी आर 2A से मिलान नही होने पर लगभग सभी करदाताओं को नोटिस जारी किए गए है। मिलान नही होने पर ब्याज एवम पेनल्टी के भी नोटिस दिए जा रहे हैं। नोटिस की वैधता और सरकार द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देश पर चर्चा के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन व चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया।
इनपुट टैक्स क्रेडिट के जीएसटीआर 2A से मिलान संबंधी नोटिस विधिसम्मत नहीं।
मुख्य वक्ता सीए सुनील पी जैन ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों की व्याख्या करते हुए कहा कि जब जीएसटी लागू किया था तब कुछ व्यवस्थाएं प्रस्तावित थी जो कभी लागू ही नही हुई। मुख्यतया: इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए एक अलग से फॉर्म जारी किया गया परंतु वह कभी पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हुआ। सरकार द्वारा जी एस टी आर 2A भी अक्टूबर 2019 में जारी किया गया। इसे जारी करते समय यह कहा गया कि यह व्यापारी की सुविधा है। इसकी कोई कानूनी वैधता नही है। 1 जनवरी 2022 से सरकार द्वारा एक नए फॉर्म जी एस टी आर 2B जारी करके इससे मिलान करना आवश्यक करके ही इनपुट टैक्स क्रेडिट मान्य करने का नियम लागू किया। अतः इस तिथि के पूर्व के समय के इनपुट टैक्स क्रेडिट के जी एस टी आर 2A से मिलान नही होने पर दिए जा रहे नोटिस विधि सम्मत नही है ।
जैन ने कहा कि विभाग द्वारा धारा 73 एवं 74 दोनों का ही उल्लेख करके मांग जारी की जा रही है, जो अनुचित है। ऐसे केस में धारा 73 के तहत ही पैसा भर के पेनल्टी से बचा जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया की वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का मिलान नही होने पर सरकार द्वारा बिल की कॉपी, माल या सेवा की प्राप्ति को प्रूव करके और वस्तु के लिए किए गए भुगतान को बताकर इनपुट टैक्स क्रेडिट को मान्य करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उसका लाभ लेना चाहिए। किसी तकनीकि परेशानी की दशा में यदि सप्लायर द्वारा इसे पोर्टल पर नही दर्शाया गया हो तो उससे कर के भुगतान का सर्टिफिकेट व 5 लाख से अधिक कर का मिलान नही होने पर सीए के सर्टिफिकेट से ऐसी क्रेडिट मान्य की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया की किसी करदाता का रजिस्ट्रेशन कैंसल हो गया है तो उसको पुनः बहाल करने के लिए सरकार ने सुविधा प्रदान की है। इसी प्रकार जीएस टीआर 4 की पेनल्टी कम कर दी गई। उन्होंने यह भी जानकारी दी गई कि वार्षिक विवरण जीएसटीआर 9 एवम 9C के लिए 30 जून तक भरने पर पेनल्टी में कमी की गई है। इसके पश्चात फाइल करने पर पुरानी पेनल्टी हो देना होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सीए जे पी सराफ ने ऐसे नोटिस को गंभीरता से लेकर कानून की व्याख्या करते हुए इसका जवाब समय पर दाखिल करने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन सीजीएस टी सचिव सी ए कृष्ण गर्ग ने किया। आभार प्रदर्शन गोविंद गोयल ने किया। कार्यक्रम में विक्रम गुप्ते, दीपक माहेश्वरी, अजय सामरिया, एस एन गोयल, एस सी बंसल सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स व कर सलाहकार उपस्थित थे।