इंदौर : संस्कृति मंत्रालय की उर्दू अकादमी के उर्दू ड्रामा फ़ेस्टिवल में पहली बार इंदौर के कलाकारों का ड्रामा मंचित हुआ। राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का सन्देश देते इस नाटक – ‘राम इमाम -ए -हिन्द, नाज़ -ए -हिन्द राम’ को लिखा एवं निर्देशित किया आलोक बाजपेयी ने। वरिष्ठ कलाकार – सुशील जौहरी, बद्र वास्ति सहित अनेक मंजे हुए कलाकारों ने नाटक में अभिनय किया। विषय वस्तु के रोचक, विशिष्ट और आज के दौर के अनुरूप होने से ये नाटक उर्दू ड्रामा फ़ेस्टिवल में ज़बरदस्त आकर्षण का केंद्र बना। दर्शकों, समीक्षकों और उर्दू के कद्रदानों की नाटक को खूब तारीफ़ मिली।
महत्वपूर्ण भूमिकाओं में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं जाने -माने टीवी फिल्म कलाकार सुशील जौहरी, उर्दू अदब और नाट्य जगत का बड़ा नाम जनाब बद्र वास्ति तथा शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी प्रांजल क्षोत्रिय, रवि वर्मा, गुलरेज़ खान, तनवीर फारूकी, डॉ. जावेद अहमद शाह अल – हिन्दी और नई पीढ़ी के दिग्दीप सिंह, कबीर वर्मा, जय गिरवाल आदि नज़र आए। सभी ने अपनी सशक्त प्रस्तुति से छाप छोड़ी। वहीं अक्षय गाठिया, यश रोकड़े, हर्ष मेहता, अशोक गेहलोत, उज्जवल परसाई आदि ने भी इसमें सशक्त उपस्थिति दर्ज़ करवाई। नाटक में मंच सज्जा और प्रकाश आकल्पन का दायित्व युवा टेक्निकल एक्सपर्ट प्रगल्भ श्रोत्रिय ने सँभाला। मेकअप के जरिये अनुभवी आर्टिस्ट सतीश श्रोत्री ने अनेक कालखंडों के उर्दू शोअरा को जीवंत कर दिया. नाटक के लिए गीत डॉ. जावेद अहमद शाह अल हिन्दी ने लिखे थे जो आलोक बाजपेयी के संगीत निर्देशन में सहज कर्णप्रिय बन पड़े और सहज ही ज़ुबाँ पर चढ़ गए। मालवी कलाकारों के लिए उर्दू अनुवाद कर कलाकारों के तलफ़्फ़ुज़ ठीक करने का कार्य भी डॉ. जावेद अहमद शाह ‘अल हिन्दी’ और तनवीर फारुकी ने बख़ूबी किया। वाद्य वृंद में भरत चौहान, हर्ष मेहता, उज्जवल परसाई, सजल तायवाड़े, संक्षेप पांचाल आदि ने समुचित वातावरण निर्मित किया। वस्त्र विन्यास में दिग्दीप सिंह की रंगभूषा ने भी दर्शकों को खूब लुभाया. मंच की पार्श्व व्यवस्थाएं सौरभ अनंत और उनके विहान ड्रामा वर्क्स, भोपाल के रंगकर्मियों ने निभाई।अभ्युदय सांस्कृतिक मंच के बैनर तले यह प्रस्तुति दी गई।