साहित्य में नई पीढ़ी को दें प्रोत्साहन – डाॅ. दवे।
इंदौर : सम्मान से रचनाकार का हौंसला बढ़ता है। जब हम वरिष्ठ रचनाकारों के साथ नई पीढ़ी के रचनाकारों को सम्मान और प्रोत्साहन देते हैं तो वे और बेहतर रचनाकर्म के लिए प्रेरित होते हैं।
यह बात साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने कही। वे रविवार शाम इंदौर प्रेस क्लब के सभागृह में वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस. एन. तिवारी की स्मृति में आयोजित सातवें सम्मान समारोह में अध्यक्षीय उदबोधन दे रहे थे। मुख्य अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला की प्रमुख डाॅ. सोनाली सिंह ने साहित्य में सबका साथ, सबका विकास का भाव लेकर आगे बढ़ने की पैरवी की।
पांच रचनाकारों का सम्मान।
इस मौके पर पांच रचनाकारों वरिष्ठ लघु कथाकार डाॅ. पुरुषोत्तम दुबे, हिन्दी मासिक वीणा के संपादक राकेश शर्मा, वरिष्ठ लेखिका शिक्षाविद डाॅ. संगीता सिंघानिया भारूका, वरिष्ठ कहानीकार मनीष वैद्य और युवा कवि एकाग्र शर्मा को इस वर्ष का डाॅ. तिवारी स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।
विचार प्रवाह साहित्य मंच के सहयोग से आयोजित इस समारोह में स्वागत भाषण श्रीमती सुषमा दुबे ने दिया। संस्था की जानकारी श्रीमती अर्चना मंडलोई ने दी। सम्मानित रचनाकारों का परिचय देवेंद्रसिंह सिसौदिया, श्रीमती सुषमा व्यास, श्रीमती माधुरी व्यास, डाॅ. दीपा व्यास और डाॅ. आरती दुबे ने दिया। संचालन मुकेश तिवारी ने किया। इस मौके पर ऐसे रचनाकारों का भी सम्मान किया गया जिन्हें साहित्य अकादमी ने पुरस्कार देने की घोषणा हाल ही में की है। समारोह में साहित्य, पत्रकारिता और शिक्षा जगत के अनेक प्रमुख लोगों की उपस्थिति रही।