ऑडिट प्रोसिजर को मैन्युअल से कंप्यूटर पर किया जाए शिफ्ट – सोलंकी

  
Last Updated:  September 3, 2022 " 06:04 pm"

इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा टैक्स ऑडिट थ्रू कम्प्यूटर और क्लाज़ 44 पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें सीए आतुर खंडेलवाल एवं सीए कीर्ति जोशी ने अपने विचार रखे।
टीपीए प्रेसिडेंट सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सरकार की अपेक्षाएँ टैक्स ऑडिटर्स से काफ़ी बढ़ गई हैं। साल दर साल ऑडिट रिपोर्ट में सभी महत्वपूर्ण वित्तीय व्यवहारों पर सीए से रिपोर्ट करने की अपेक्षा की जाती है। इससे ऑडिट में कठिनाइयाँ बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में यह आवश्यक है कि अब अपने ऑडिट प्रोसिजर को मैन्यूअल ऑडिट प्रोसिजर के स्थान पर ऑडिट थ्रू कम्प्यूटर पर शिफ़्ट किया जाए।

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि वर्तमान में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में क्लाज़ 44 में जीएसटी रिकंसिलिएशन के उद्देश्य से ख़र्चों का वर्गीकरण माँगा गया है जो काफ़ी कन्फ़्यूज़िंग और कॉम्प्लिकेटेड है।

सीए कीर्ति जोशी ने कहा कि जिस प्रकार के ख़र्चों का रिकंसीलिएशन टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में माँगा गया है, लगता है कि आने वाले समय में स्क्रूटिनी केसेस की भरमार रहेगी क्योंकि अब व्यापारी को इनकम टैक्स में जीएसटी में रजिस्टर्ड, कॉम्पोजीशन, अनरजिस्टर्ड व्यापारी के साथ कितना भुगतान किया है, कितना व्यापार किया है उसकी जानकारी देना होगी। इससे ऐसे करदाता जिनका ज़्यादातर खर्चा अनरजिस्टर्ड व्यापारी के साथ है; को विभाग से नोटिस आने की प्रबल सम्भावना रहेगी। इसमें बड़ी व्यावहारिक समस्या यह है कि व्यापारी ने अपने रिकार्ड उक्त जानकारी देने के हिसाब से रखे ही नहीं हैं। इससे टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में माँगी गई जानकारी देना सीए के लिए मुश्किल प्रतीत होता है। इसके साथ ही जीएसटी विभाग भी भविष्य में इस टैक्स ऑडिट रिपोर्ट का उपयोग कर व्यापारी को नोटिस जारी करेगा इसकी पूरी सम्भावना लग रही है। अतः यह आवश्यक है कि व्यापारी अपने रिकार्ड्स सीए के समक्ष प्रस्तुत करने के पूर्व पूरी सावधानी रखें।

सीए आतुर खंडेलवाल ने कहा कि टेली के द्वारा कई प्रकार की रिपोर्ट्स जनरेट की जा सकती हैं, जिसमें स्टॉक आइट्म्स, बैलेंसेस, पीरियोडिक पेमेंटस, कैश विड्रावल, छुट्टी के दिन किए गए खर्चे इत्यादि बहुत आसानी से जनरेट किए जा सकते हैं। अतः यह आवश्यक है कि मेन्यूअल ऑडिट के स्थान पर ऑडिट थ्रू सिस्टम किया जाए जिससे डेटा माइनिंग में गलती की सम्भावना नहीं बचे।

सेमिनार का संचालन टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया। धन्यवाद अभिभाषण सीए अमितेश जैन ने दिया। सेमिनार में सीए सुनील पी जैन, सीए अजय सामरिया, सीए भरत अग्रवाल, सीए सुनील जी खंडेलवाल, सीए अभिषेक गांग सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।

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