विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होगा यह अनूठा कार्यक्रम
24 सितंबर की शाम शुभकारज गार्डन में दी जाएगी प्रस्तुति।
इंदौर : प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और संस्था श्री हरि संगीत कला केंद्र की संचालिका डॉ. संतोष देसाई 51 संगीत वाद्यों के साथ घुंघरू की जुगलबंदी पेश करेंगी। वाद्यों, विभिन्न रागों व लयों के साथ घुंघरू की जुगलबंदी का यह अनूठा कार्यक्रम रविवार 24 सितंबर को राजीव गांधी चौराहा स्थित शुभकारज गार्डन में शाम 4 से आयोजित किया गया है। लीक से हटकर पेश किए जाने वाले इस कथक नृत्य को विश्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन की टीम भी मौजूद रहेगी। कथक नृत्य की प्रस्तुति के बाद अष्ट कृष्ण की महालीला और गरबा नृत्य भी पेश किया जाएगा।
कुछ अलग करने की चाह ने किया प्रेरित।
नृत्यांगना डॉ. संतोष देसाई ने बताया कि उन्होंने 5 वर्ष की आयु से ही कथक सीखना शुरू कर दिया था।उज्जैन घराने के पंडित श्रीधर व्यास से उन्होंने कथक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 40 साल से कथक की साधना का सिलसिला अनवरत जारी है। देश के सभी बड़े संगीत समारोहों में वे अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। श्री हरि संगीत कला केंद्र के माध्यम से वे नवोदित कलाकारों को कथक का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। डॉ. देसाई ने बताया कि कथक में कुछ अलग करने की चाह में उन्होंने 51 वाद्यों के साथ घुंघरू की जुगलबंदी पेश करने का बीड़ा उठाया है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ 51 संगीतज्ञों की मौजूदगी में होगा। शहर के साथ बाहर से भी कई नामचीन संगीत गुरु और साधक इस जुगलबंदी के साक्षी बनने के लिए मौजूद रहेंगे।
विश्व रिकॉर्ड के बतौर होगा दर्ज।
नृत्यांगना डॉ. संतोष देसाई ने बताया कि 51 वाद्यों के साथ घुंघरू की जुगलबंदी का यह प्रयोग लीक से हटकर है। ऐसा अनूठा प्रयोग अभी तक नहीं हुआ है। इसके चलते इसे विश्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जा रहा है। इसके लिए वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन की टीम इंदौर आ रही है। वह कार्यक्रम के दौरान पूरे समय मौजूद रहेगी।
जुगलबंदी के बाद पेश होगी महारास गरबा की बानगी।
डॉ. देसाई ने बताया कि 51 वाद्यों के साथ घुंघरू की जुगलबंदी का कार्यक्रम शाम 4 से 7 बजे तक पेश किया जाएगा। इसके बाद अष्ट कृष्ण की महालीला और महारास गरबा नृत्य भी पेश किया जाएगा।