*गोविन्द मालू*
इंदौर : खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने कहा कि विभाजन की एक्सपर्ट काँग्रेस नें प्रदेश प्रशासन का स्टेट सर्विसेज और आईएएस में विभाजन कर दिया है। जब राजगढ़ में एसडीएम रमेश पाण्डे को हटाया गया तो कोई संगठन क्यों नहीं बोला? थप्पड़ मार IPS पुलिस की भी दोहरी भूमिका निभाने वाली कलेक्टर निवेदिता ने एसडीएम को क्यों दण्डित किया यह किसी ने क्यों नही पूछा? हम करें तो पुण्य, आप करें तो पाप।
मालू ने कहा कि आईएएस एसोसिएशन ऐसे दोहरे मापदण्ड तो अपनाता ही है। राजपत्रित अधिकारी संगठन और राज्य प्रशासनिक सेवा संगठन भी इस मामले में मौन रहते हैं। कलेक्टर के जरिये काँग्रेस के इशारे पर पूर्व मंत्री बद्रीलाल यादव के ख़िलाफ़ राज्य प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम द्धारा IPC की धारा 188,294 का प्रकरण दर्ज करवाया जाता है,जो बगैर अशोभनीय भाषा,गाली गलौज को सिद्ध किए अपराध नहीं बन सकता।तब यादवजी की ओर से मानहानि का मुकदमा कौन लड़ेगा यही प्रताड़ित राज्य सेवा के अधिकारी, आईएएस कलेक्टर नहीं ।
यही काँग्रेस के ” *पपेट* ” के रूप में काम करने वाले अधिकारियों का असली रूप है,जो भाजपा बेनक़ाब ही नहीं करेगी,इनकी सूची व गड़बड़ियाँ सहेज कर रख रही है,समय आने पर कानूनन व प्रशासनिक सबक़ सिखाएगी।
मालू ने कहा कि यदि एक अधिकारी गरिमा,सम्मान, डिग्निटी को लेकर हो हल्ला मचवाता है तो यही बात अधीनस्थ के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए,राजगढ़ कलेक्टर ने इंदौर में एडीएम रहते हुए एक दलित ड्राइवर को क्यों सस्पेंड करवाया,और उस ड्राइवर की शिकायत को रफा दफ़ा क्यों कर दिया गया?ये अब कर्मचारियों के संगठन को विचार करना चाहिए।
( ये लेखक के निजी विचार हैं।)