किसानों के हित में हैं कृषि सुधार कानून, कांग्रेस कर रही गुमराह- गहलोत

  
Last Updated:  October 2, 2020 " 10:04 pm"

इंदौर : वरिष्ठ भाजपा नेता, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत का कहना है कि हाल ही में संसद में पारित होकर कानून का रूप लेनेवाले कृषि सुधार विधेयक किसानों के हित में हैं। इनसे किसानों को कहीं भी अपनी उपज बेचने की छूट होगी। उनका मुनाफा बढ़ेगा और पीएम मोदी के सपने के अनुरूप 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्रीय मंत्री गहलोत शुक्रवार को स्थानीय बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में अपनी बात रख रहे थे।

विरोध का कोई औचित्य नहीं..

केंद्रीय मंत्री गहलोत के मुताबिक कांग्रेस सहित जो दल कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे उसका औचित्य बतानें में असफल रहे हैं। पंजाब को छोड़कर और कहीं भी कृषि कानूनों का विरोध नहीं हो रहा है। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

एमएसपी और मंडियों का अस्तित्व यथावत रहेगा।

केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि एमएसपी और कृषि उपज मंडियों को लेकर जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वो गलत हैं। एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और मंडियां भी कार्यरत रहेंगी। किसान एमएसपी या उससे अधिक दरों पर अपनी उपज मंडी या कहीं और भी बेच सकेंगे। कृषि सुधार कानून में उन्हें इसकी आजादी दी गई है। उन्होंने कहा कि एमएसपी तो इस बार और बढ़ा दी गई है।

कांग्रेस ने किसानों को सशक्त करने के लिए कुछ नहीं किया।

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने आरोप लगाया कि
कांग्रेस ने आज तक किसानों के हित में कोई फैसला नहीं लिया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कृषि सुधार कानून लाने का वादा किया था। आज जब कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है।

कृषि सुधार विधयेकों से बढ़ेगा मुनाफा – अन्नदाता होंगे सशक्त

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य(संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक(सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु(संशोधन) विधेयक के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिये नये-नये अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। ये विधेयक किसानों को अपनी फसल के भंडारण और ब्रिकी की आजादी देंगे और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्त करेंगे।

किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधयेक-2020

• किसान कानूनी बंधनों से आजाद होगे, किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी।

• अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है।

• अब जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की ब्रिकी करें।

• भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाए।

• केन्द्र सरकार किसी भी केन्द्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिये मूल्य जानकारी और मंडी सूचना प्रणाली विकसित करेगी। कोई विवाद होने पर निपटाने के लिये बोर्ड गठित किया जाएगा, जो 30 दिनों के भीतर समाधान करेगा।

• किसान अब बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे।

• देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से काम होगा।

• अंततः किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य है। ताकि उनकी आय में सुधार हो सकें।

कृषि (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक,2020

• रिसर्च एडं डेवलपमेंट(आर.एंड डी)समर्थन।

• उच्च और आधुनिक तकनीकि इनपुट, अन्य स्थानीय एजेंसियों के साथ साझेदारी में मदद।

• अनुबंधित किसानों को सभी प्रकार के कृषि उपकरणों की सुविधाजनक आपूर्ति।

• क्रेडिट या नकद पर समय से और गुणवत्ता वाले कृषि आदानों की आपूर्ति।

• शीघ्र वितरण, प्रत्येक व्यक्तिगत अनुबंधित किसान से परिपक्व उपज की खरीद।

• अनुबंधित किसानों को नियमित और समय का भुगतान।

• सही लॉजिस्टिक सिस्टम और वैश्विक विपणन मानकों का रखरखाव।

आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020

इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा। किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

कांग्रेस ने एपीएमसी एक्ट हटाने का की कही थी बात।
केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने APMC को हटाने की बात की थी। घोषणा पत्र में कृषि पर किए गये कांग्रेस के वादे में 11वें पाइंट में स्पष्ट लिखा है कि Congress Will repeal the Agricultural Produce Market Committees Act and Make Trade in Agricultural Produce-Including Exports and Inter-State Trade-free All Restrictions
अब जब मोदी सरकार किसानों को सशक्त करने के लिये कदम उठा रही है तो कांग्रेस किसानों को ही गुमराह करने की साजिश रच रही है।
कांग्रेस ने को APMC Act हटाने की बात की थी लेकिन इन विधेयकों के अनुसार APMC की व्यवस्था बन रहेगी और उसी तरह काम करती रहेगी। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार की बात कही है लेकिन वर्तमान में वह कृषि सुधारकों का विरोध कर रही है।
कांग्रेस और दूसरे विरेधी दल देश के किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे है कि कृषि सुधार विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात MSP की व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है। जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कह चुके है कि देशभर में MSP की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जायेगा। कृषि मंत्रीजी ने भी बार-बार यह स्पष्ट किया है। कई फसलों की MSP तो और बढ़ा दी गई है। वास्तव में इन विधेयकों का एमएसपी और एनपीएमसी व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।

मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि के तहत दिए 92 हजार करोड़।

श्री गहलोत का कहना था कि मोदी सरकार में केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत ही अब तक किसानों 92000 करोड़ रूपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिये कभी कोई रिफॉर्म्स नहीं किया। उसके पास न इसके लिये सोच थी, न ही इच्छाशक्ति। किसानों को गुमराह कर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है।

पत्रकार-वार्ता में केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द्र गेहलोत के साथ सांसद शंकर लालवानी, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता, मीडिया प्रभारी देवकीनंदन तिवारी उपस्थित थे।

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