इंदौर : नए कृषि बिलों के लाभों बारे में किसानो को अवगत कराने के लिए बीजेपी मप्र में संभाग स्तर पर किसान सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को इंदौर के दशहरा मैदान पर किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गंगाजी की कसम खा कर कहा था कि हम सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देंगे जो नहीं किया। अब नए कृषि कानूनों के बारे में यह कहा जा रहा है एमएसपी खत्म कर दी जाएगी, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री लिखित में यह देने को तैयार हैं कि जब तक नरेंद्र मोदी पीएम हैं, एमएसपी की व्यवस्था कभी खत्म नहीं होगी। कांग्रेस और विपक्षी दल देश में लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम।
केंद्रीय मंत्री कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग को लेकर किसानों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है आपकी जमीन व्यापारी खरीद लेगा, जबकि कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग में एक इंच जमीन भी किसानों की कोई नहीं ले सकता है यह तो केवल फसल को बेचने के लिए पहले से किया जाने वाला करार है, जिसके तहत किसान कांन्ट्रेक्ट के जरिए फसल को बोने के समय व्यापारी से खाद-बीज का पैसा ले सकता है तथा फसल के तैयार होने पर वह तय मूल्य पर व्यापारी को फसल बेच सकता हैं। कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग को लेकर कृषि बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि फसल तैयार होने पर यदि उसके दाम तय किए गए दाम से कम हैं, तो भी व्यापारी को वह फसल तय दामों पर ही खरीदनी होगी। वह इससे इनकार करता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
10 हजार एफपीओ बनाये जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश भर में एफपीओ स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें किसानों की भी सहभागिता रहेगी। उनकी उपज की ग्लोबल स्तर पर मार्केटिंग एफपीओ के जरिए की जाएगी।
किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की मिली आजादी।
केंद्रीय मंत्री प्रधान के मुताबिक देश में अंग्रेजों के समय के कृषि कानून आज तक प्रचलित थे, जिसमें प्रावधान थे कि किसान अपनी फसल बिचोलियों के माध्यम से ही बेच सकते हैं। उन्हें अपनी ही फसल बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन पीएम मोदी ने नए कृषि कानून बनाकर किसानों को यह आजादी दी है कि वह अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है। किसान चाहे तो देश में कहीं भी अपनी फसल का विक्रय कर सकता है। यही नहीं वह अपनी फसल का विदेशों में निर्यात भी कर सकता है।
किसानों का उत्पादन मूल्य घटे तथा उसे बाजार में उपज का अधिक से अधिक मूल्य मिले इसी का प्रयास मोदी सरकार कर रही है।
कचरे से ऊर्जा उत्पादन करने वाला इंदौर पहला शहर।
श्री प्रधान ने पूर्व महापौर मालिनी गौड़ व इंदौर वासियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने कचरे से उर्जा बनाने का काम शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में चावल, मक्का, गन्ना के कृषि वेस्ट (पराली) तथा कचरे से 8 से 10 हजार करोड़ रूपए के उर्जा उत्पादन का काम मध्यप्रदेश में किया जाएगा, जो प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की कुल खपत का लगभग 10 फीसदी होगा।
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले चेहरे जाने- पहचाने हैं।
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों की आड़ लेकर आंदोलन कौन कर रहा है ये सभी जानते हैं। मामला सीएए से जुड़ा हो या राम मंदिर और धारा 370 को हटाने से, कांग्रेस और कुछ अन्य दल विरोध करने खड़े हो जाते हैं। उनके लिए दल हित के आगे देश हित गौण है।
मोदी सरकार दुश्मन के घर में घुसकर मारती है।
विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे देश की सीमा पर पहले पड़ोसी देश की सेना के जवान हमारे जवानों के सर काटकर चले जाते थे और तत्कालीन कांग्रेस की सरकार कुछ नहीं करती थी पर अब अगर हमारे सेना का एक जवान शहीद होता है उसके बदले हमारी सेना पड़ोसी देश के 10 जवानों को मारती है। यह सब हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो सका है। सेना को अब सर्जिकल या एयर स्ट्राईक करना है तो वह खुद निर्णय ले सकती है। कांग्रेस ने तो सेना के शौर्य पर भी उंगली उठाने का अपराध किया है।
किसान अपनी उपज का मूल्य तय क्यों नहीं कर सकते।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर हम कपड़े खरीदने जाते हैं तो कपड़े का भाव कपड़े वाला तय करता है, बर्तन का भाव बर्तन वाला, मोटरसाईकिल का भाव शो रूम का मालिक तय करते है। ऐसे में किसानों की फसल का भाव किसान क्यों नहीं तय कर सकता। पीएम मोदी ने अंग्रेजों के समय से चले आ रहे इन्हीं काले कानूनों को खत्म करके यह नए कृषि कानून बनाए हैं जिनके माध्यम से किसान अपनी फसल चाहे तो मंडी में बेंच सकता है या चाहे तो मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकता है। उन्हें पूरी स्वंतत्रता दी गई है। मोदीजी ने किसानों को व्यापारी बनाने का अधिकार नए कृषि कानून के माध्यम से दिया है।
प्रजातंत्र तब मजबूत होता है जब जवाबदार विपक्ष होता है। हमारे देश का विपक्ष जवाबदार नहीं है।
जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि ‘जय जवान- जय किसान के साथ जय विज्ञान जोड़कर किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का काम पीएम मोदी ने किया है। जय विज्ञान के नारे को परमाणु बम फोड़कर हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी ने सार्थकता दी थी।
एक लाख ट्रेक्टरों पर 4 लाख किसान करेंगे दिल्ली कूच।
कैलाश विजयवर्गीय ने किसान सम्मेलन में ऐलान किया कि शीर्ष नेतृत्व चाहे तो कृषि कानूनों के समर्थन में इंदौर संभाग से एक लाख ट्रेक्टरों पर सवार होकर चार लाख किसान दिल्ली कूच करने के लिये तैयार हैं।
भय और भ्रम की राजनीति करती है कांग्रेस।
मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किसान सम्मेलन में कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर चुटीले कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि यह बात मेरी समझ में नहीं आई कि दिल्ली में आंदोलन कर रहे लोग चाहते क्या हैं। क्या वे चाहते हैं की किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी न मिले। वे यह स्पष्ट करें कि क्या कांग्रेस का कानून सही था जिसमें किसान कर्ज लेता था, कर्ज में जीता था, कर्ज में ही मर जाता था और विरासत में कर्ज ही छोड़कर चला जाता था। किसान अपनी फसल कहीं भी क्यों नहीं बेंच सकता है। जो इस कृषि बिल में प्रावधान किये गए है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही भय और भ्रम की राजनीति की है। कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही दूसरे के ललना को अपने पलने में पालने का प्रयास करती है। कांग्रेस हर आंदोलन में टुकड़े- टुकड़े गेंंग से मिलकर देश में अराजकता का माहौल पैदा करने का प्रयास करती है। कांग्रेस ने सीएए का विरोध करने के लिए भ्रम पैदा किया कि तीन पीढ़ियों के कागज मुस्लिम लोगों से मांगे जाएंगे, अगर नहीं दिए तो उनको देश से भगा दिया जाएगा, अब उसी तरह का भ्रम नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में पैदा किया जा रहा है। देश के वातावरण को खराब करने का काम कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंदौर संभाग में अपनी रैली के दौरान कहा था कि हम 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, बेरोजगारों को 4 हजार रूपये महिना भत्ता देंगे, ऐसे कई झूठी घोषणाएं की थी जो पूरी नहीं हो सकी थी। ऐसे ही कांग्रेस झूठ बोलकर देश में राज करते आई है। मध्यप्रदेश का किसान समझदार है, इसलिये किसान भाईयों ने किसान आंदोलन से दूरी बनाकर रखी है।
कृषि कैबिनेट बनाने वाला मप्र पहला राज्य।
मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने प्रदेश में कृषि केबिनेट बनाई और अलग से कृषि बजट का प्रावधान किया है। जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।इसके साथ ही बिजली फीडरों के सेपरेशन का काम किया गया है जिसकी वजह से घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को सुगमता से बिजली प्रदाय की जा सके। लॉकडाउन के समय प्रदेश में गेहूं की ऐतिहासिक खरीदी की गई जो पूरे देश में सबसे अधिक थी। इंदौरवासियों को मैं दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि जिन्होंने लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों को अपने क्षेत्र से गुजरने पर उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए खाना, जूते-चप्पल, कपड़े उपलब्ध कराये थे।
किसान सम्मेलन को पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, केबिनेट मंत्री उषा ठाकुर, प्रेमसिंह पटेल, प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार, विधायक एवं वरिष्ठ नेता तुलसीराम सिलावट ने भी संबोधित किया।
वीसी से जुड़े सीएम शिवराज।
रीवा में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे सीएम शिवराज सिंह भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इंदौर के सम्मेलन से जुड़े। उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलने के साथ ऐलान किया कि आगामी 19 दिसम्बर को प्रदेश के किसानों के खाते में 16 सौ करोड़ रुपए की राशि डाली जाएगी।
किसान सम्मेलन में मौजूद वरिष्ठ पार्टी नेताओं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नंदकुमार सिंह चौहान का शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर, विधायक रमेश मेंदोला और सांसद शंकर लालवानी ने पुष्पगुच्छ और साफा पहनाकर स्वागत किया। तमाम किसानों की ओर से एक बड़े हार के जरिये भी अतिथियों का स्वागत किया गया।
किसान सम्मेलन में वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, कैबिनेट मंत्री विजय शाह, विधायक मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, अंतरसिंह आर्य, बालकिशन पाटीदार, विधायक नीना वर्मा, संजय बघेल, सरदारसिंह मेणा, विरेन्द्र बघेल, गोपाल कन्नोज,देवेन्द्र वर्मा, राम डागोर, सुमित्रादेवी कास्डेकर, आत्माराम पटेल, भूपेन्द्र आर्य, नारायण पटेल, हितेन्द्रसिंह सोलंकी, धूलसिंह डाबर, अंतरसिंह पटेल, दीवानसिंह पटेल, नारायणसिंह चौहान, माधवसिंह डाबर, कलसिंह भामर, निर्मला भूरिया, भानू भूरिया, जिला अध्यक्ष राजीव यादव, लक्ष्मण नायक, वकीलसिंह ठाकुर, राजेन्द्रसिंह राठौर, ओम सोनी, मनोज लधवे, कैलाश पाटीदार, मुकेशसिंह राजावत, गणेश गोयल, घनश्याम शेर, नानूराम कुमावत, कमल बाघेला, जयंत भिसे, जयदीप जैन, बलराम वर्मा, विष्णुप्रसाद शुक्ला, सतीश शर्मा, जवाहर मंगवानी, मुकेश मंगल, देवकीनंदन तिवारी, मुकेश जरिया, श्रवणसिंह चावड़ा, विनोद चंदानी, कंचनसिंह चौहान, गोपालसिंह चौधरी, रवि रावलिया, उमानारायण पटेल, देवराजसिंह परिहार, गुमानसिंह पंवार, चिन्टू वर्मा, सुखलाल मंसारे महेन्द्रसिंह ठाकुर, चन्दू शिन्दे, भारती पाटीदार, रामस्वरूपसिंह गेहलोद सहित संभाग के बड़ी संख्या में किसान व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सम्मेलन का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक जीतू जिराती ने किया आभार पूर्व विधायक मनोज पटेल ने माना।