इंदौर: किसान कर्जमाफी को लेकर फंसी कमलनाथ सरकार बुरीतरह डरी हुई है। कर्जमाफी से जुड़ा कोई भी आंदोलन उसे विचलित कर देता है। मंगलवार को बीजेपी की किसान आक्रोश रैली खत्म भी नहीं हुई थी कि तमाम मंत्री सरकार के बचाव में आ गए। बकायदा प्रेस वार्ताएं बुलाकर सरकार का पक्ष रखा गया। इंदौर में बड़बोले मंत्री जीतू पटवारी ने किसान कर्जमाफी को लेकर आंकड़े पेश किए। बीजेपी की किसान आक्रोश रैली को फ्लॉप बताते हुए उन्होंने कैलाशजी, सांसद शंकर लालवानी और अन्य नेताओं को निशाने पर लिया।
किसान कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू।
मंत्री पटवारी ने दावा किया कि पहले चरण में 21 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया है। दूसरे चरण में शेष रहे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कर्ज माफी को लेकर किसानों को भ्रमित करने का आरोप बीजेपी पर लगाया।
किसान नहीं स्वागत रैली।
मंत्री पटवारी ने कैलाशजी को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसान आक्रोश रैली से किसान ही गायब थे। रैली तो कैलाशजी ने अपना स्वागत करवाने और शक्ति प्रदर्शन के लिए रखी थी। बीजेपी में ताई को साइड लाइन करने के बाद अब वे शिवराज सहित अन्य बड़े नेताओं को निपटाना चाहते हैं ताकि खुद का वर्चस्व स्थापित कर सके।
कैलाशजी की भाषा स्तरहीन।
जीतू पटवारी ने रैली में दिए गए कैलाशजी के भाषण को स्तरहीन बताया। उनका कहना था कि सीएम कमलनाथ को लेकर जिसतरह की भाषा का इस्तेमाल उन्होंने किया है वो शर्मनाक है। कमलनाथ सभी को साथ लेकर चलनेवाले सीएम हैं। कांग्रेस में कोई वर्चस्व की लड़ाई नहीं है। सभी मिलकर काम कर रहे हैं।
छोटे गिलास में ज्यादा पानी।
सांसद शंकर लालवानी पर तंज कसते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि छोटे गिलास में ज्यादा पानी की तरह उन्हें जनता ने बम्पर वोटों से जिताया है। उसका वे लिहाज करें और बेवजह की बयानबाजी से बचे।
वचनपुर्ति में जुटी है सरकार।
मंत्री जीतू पटवारी ने दावा किया कि ज्यादातर वचन कमलनाथ सरकार ने पूरे कर दिए हैं। बेरोजगारों को भत्ता देने के मामले में उनका कहना था कि साढ़े छह लाख युवा इस योजना के तहत अपना पंजीयन करवा चुके है। जल्दी ही उन्हें भत्ता मिलने लगेगा।