कोरोना संकट से निपटने की बजाय आइफा की तैयारी में व्यस्त रही तत्कालीन कमलनाथ सरकार- शिवराज

  
Last Updated:  June 8, 2020 " 02:55 pm"

इंदौर : कोरोना का संक्रमण इंदौर में फरवरी माह में ही फैलना शुरू हो गया था पर तत्कालीन (कमलनाथ) सरकार ने ध्यान नहीं दिया। कोरोना संकट से निपटने की तैयारी के बजाय वह आइफा के आयोजन को लेकर व्यस्त थे।ये गम्भीर आपराधिक लापरवाही थी। हमारी सरकार बनते ही हमने कोरोना से निपटने की योजना बनाई और उसे अमलीजामा पहनाया। अब हालात नियंत्रण में है पर सावधानी जरूरी है। ये बात सीएम शिवराज सिंह ने कही। वे सोमवार को इंदौर प्रवास के दौरान अभय प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कमलनाथ सरकार ने नहीं की थी कोई तैयारी।

सीएम शिवराज ने कहा कि जब उन्होंने शपथ लेने के बाद वल्लभ भवन में बैठक ली तो पता चला कि पूर्व की सरकार ने कोरोना से निपटने की कोई तैयारी ही नहीं की थी। फरवरी माह में ही कोरोना ने दस्तक दे दी थी, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई पर तत्कालीन सरकार आइफा की तैयारियों में लगी थी। ये गंभीर आपराधिक लापरवाही थी।

सत्ता में आते ही कोरोना से निपटने के उपाय किए।

सीएम शिवराज ने कहा कि सत्ता में आने के बाद हमने पीएम मोदी की अगुवाई में कोरोना संकट से निपटने का प्लान बनाया। सैंपलिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की पूरी कार्ययोजना बनाकर उसे अमलीजामा पहनाया। लैब की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया। शुरुआती दौर में इंदौर में 28 फीसदी तक कोरोना के संक्रमित मरीज पाए जा रहे थे लेकिन सभी के संयुक्त प्रयासों से अब हालात नियंत्रण में हैं। टेस्टिंग क्षमता भी बढ़कर अब 6 हजार सैम्पल प्रतिदिन हो गई है। सरकार कोरोना को खत्म करके ही दम लेगी।

लॉक डाउन नहीं होता तो तबाही मच जाती।

शिवराज ने बिना नाम लिए कांग्रेसी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग लॉक डाउन को गलत बता रहे हैं वे नहीं जानते कि पीएम मोदी के समय रहते लिए गए इस सूझबूझ भरे निर्णय से लाखों लोगों की जिंदगी बच गई। अन्यथा तबाही मच गई होती।

इंदौर आने के लिए तड़प रहा था।

सीएम शिवराज ने कहा कि वे इंदौर आना चाहते थे और उसके लिए तड़प रहे थे लेकिन मर्यादा में बंधे थे। क्योंकि वे यहां आते तो भीड़ बढ़ती और कोरोना का खतरा बढ़ सकता था। सीएम ने कहा कि प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन और जनता के समन्वित प्रयासों से ही इंदौर में कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सका।

पीड़ित मानवता के आंसू पोंछने में इंदौर ने मिसाल पेश की।

सीएम शिवराज ने इंदौर को अद्भुत शहर निरूपित करते हुए कहा कि इस शहर ने पीड़ित मानवता के आंसू पोंछने में मिसाल पेश की है। लॉक डाउन में गरीब, पीड़ित और श्रमिकों की मदद के लिए हर कोई आगे आया। यही नहीं अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को भी भोजन, पानी और जरूरत की अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराकर इंदौर वासियों ने मिसाल पेश की है। सरकार ने भी स्पेशल ट्रेन और बसों के जरिये प्रवासी मजदूरों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाया।

खतरा टला नहीं है, सावधानी जरूरी।

सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। हमें सावधानी रखने की जरूरत है। फेस मास्क और दो गज की दूरी कोरोना से लड़ने के औजार हैं। हमें डरना नहीं लड़ना है। हम कोरोना को हराकर ही दम लेंगे।

कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट और अन्य नेताओं ने भी अपने विचार रखे। सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ और संगठन से जुड़े नेताओं के साथ विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित चुनिंदा हितग्राही इस अवसर पर मौजूद रहे।

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