गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के उत्थान को समर्पित है अंतरिम बजट: महापौर

  
Last Updated:  February 2, 2024 " 01:20 am"

इंदौर : महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट गरीब, युवा, किसान और महिला सशक्तिकरण को समर्पित बजट है। इस अंतरिम बजट में सभी वर्गों पर फोकस है। जनकल्याण के साथ यह बजट सर्वांगीण विकास को समर्पित है।

अंतरिम बजट 2024-25 में किए गए प्रावधानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के प्रति आभार जताते हुए महापौर भार्गव ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाना प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हम सभी भारतवासी मिलकर पूरा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच यह है कि युवा, किसान, गरीब, महिला आदि सभी वर्गों को मजबूती कैसे दी जा सकती है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह देश के अमृतकाल की शुरुआत है।

महापौर भार्गव ने कहा कि अंतरिम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 लाख 11 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करना, रक्षा के क्षेत्र में 11.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य अगले तीन साल में 5 ट्रिलियन और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है, जिसे हासिल करने में यह बजट काफी मददगार सिद्ध होगा।

बजट में फोकस गरीब, युवा, किसान, महिला आदि सभी वर्गों के उत्थान पर है। इसीलिए इस अंतरिम बजट के अंदर भी दो करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास देने, स्व सहायता समूहों के माध्यम हमारी बहनों को सक्षम बनाने के प्रावधान किए गए हैं। भाजपा के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लिए, हमारे लिए महिला सशक्तीकरण केवल नारा नहीं है, इसीलिए बजट में तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनवाड़ी वर्कर को 5 लाख तक का फ्री में इलाज कराने का अधिकार आयुष्मान योजना में दिया जा रहा है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने 80 करोड़ परिवारों को पांच किलो अनाज मुफ्त देना शुरू किया था, जिसे पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने भारत की संस्कृति और उसके सम्मान को सारी दुनिया में स्थापित किया है। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय योगा डे हो, या फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो, इनके साथ पूरी दुनिया खड़ी दिखाई दी। आज सारी दुनिया यह महसूस कर रही है कि यह नए भारत का नवोत्कर्ष है। यही हमारे आत्मविश्वास का आधार है।

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