जीव रक्षा संस्था ने किया दावा, की उच्चस्तरीय जांच की मांग।
इंदौर : चिंकारा हिरण के संरक्षण में सक्रिय जीव रक्षा संस्था, बीकानेर ने बीते वर्ष दिसंबर में किशनगंज थाना क्षेत्र महू से हिरण के मांस के साथ पकड़े गए आरोपियों के तार विदेशों से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। संस्था पदाधिकारियों के मुताबिक न्यायालय ने भी आरोपियों के नेटवर्क की व्यापक छानबीन के निर्देश दिए हैं।
संस्था के जिलाध्यक्ष मोखराम धारणिया और महासचिव रामकिशन डेलू मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 03 दिसंबर 2024 को किशनगंज पुलिस ने एक इनोवा कार में मांस ले जाते हुए इम्तियाज सलमान जोहर सहित तीन आरोपियों को बंदी बनाया था। उनके कब्जे से 64.70 किलो मांस, एक पिस्टल मैगजीन सहित, तीन जिंदा कारतूस और तीन मोबाइल बरामद किए गए थे।हैदराबाद और जबलपुर की लैब में भेजे गए मांस के सेंपल की रिपोर्ट में जब्त मांस चिंकारा हिरण का होने की पुष्टि हुई थी। पूछताछ के दौरान आरोपी, जब्त मांस भोपाल से खरीदा होना बताते रहे। मामला वन विभाग के अधिकार क्षेत्र का होने से उसके पास भेजा गया पर वन विभाग ने जांच में लापरवाही बरती। इस वर्ष 20 मार्च 2025 को यहमला एसटीएफ को सौंपा गया। एसटीएफ ने आरोपियों के मोबाइल के पासवर्ड खुलवाए और डेटा रिकवर किया गया तो उनमें आरोपियों के हिरणों का शिकार कर खाल व मांस अलग करते कई फोटो, वीडियो पाए गए। मोबाइल से प्राप्त सबूतों के बाद न्यायालय ने भी माना कि जब्त मांस खरीदा नहीं वरन आरोपियों द्वारा भोपाल वन क्षेत्र से शिकार कर ले जाया जा रहा था। न्यायालय ने आरोपियों के बड़े गिरोह से जुड़ा होने का अंदेशा जताते हुए मामले की व्यापक जांच पड़ताल कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश एसटीएफ को दिए हैं।
मोखराम धारणिया ने दावा किया कि पकड़े गए आरोपी मुंबई के निवासी हैं। कई राज्यों में इनका नेटवर्क फैला हुआ है।हिरणों व अन्य जानवरों का शिकार कर ये आरोपी उनकी खालें विदेशों बेचते हैं। आरोपियों के विदेशी संपर्कों की भी बारीकी से जांच होनी चाहिए ताकि समूचे गिरोह का पर्दाफाश हो सके।
जीव रक्षा संस्था के पदाधिकारियों के अनुसार वे और पूरा विश्नोई समाज आरोपियों को कड़ा दंड दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने मीडिया से भी हिरणों का शिकार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए अहम भूमिका निभाने का अनुरोध किया।