मुंबई : इंदौर की बेटी, सुरों की मलिका, कालजयी गायिका और अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली गायिका लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। ‘भारत रत्न’ से लता मंगेशकर को जनवरी माह में कोरोना संक्रमण हो गया था। तभी से वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थी। बीच में उनकी हालत में सुधार भी आया था पर बाद में फिर तबीयत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। अंततः 6 फरवरी को अंतिम सांस लेकर वे चिरनिद्रा ।में लीन हो गई। 28 सितंबर 1929 को इंदौर में जन्मी लताजी 92 वर्ष की थीं।
5 दशक तक पार्श्व गायन में रहा लताजी का बोलबाला।
‘भारत की नाइटेंगल के नाम से दुनिया में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
पीएम मोदी सहित दिग्गज हस्तियों ने जताया शोक।
लता मंगेशकर के निधन पर पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता के साथ कई तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा,
‘दयालु और सबका ध्यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लता दीदी के अवसान पर शोक व्यक्त करते हुए कहा,
‘उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी। लता दीदी प्रखर देशभक्त थी। उनका जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा रहा है। लता जी हमेशा ही अच्छे कामों के लिए हम सभी को प्रेरणा देती रही हैं। भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है। 30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है। लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी।’
शिवसेना के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा, ‘तेरे बिना भी क्या जीना…’