जबलपुर : टीचरों की ट्रेनिंग के दौरान एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. प्रातींय शिक्षण महाविद्यालय में इस बार टीचर्स ट्रेनिंग में ‘मुर्दों’ को भी ना सिर्फ शामिल किया गया बल्कि उन्हें ट्रेनिंग दिए जाने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। मामला उजागर होने के बाद महाविद्यालय के प्राचार्य इसे मानवीय भूल बता रहे हैं।
यह है पूरा मामला।
बताया जाता है कि जबलपुर के प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय मे 470 टीचर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि 4 ऐसे टीचर जो कोरोना महामारी के दौरान मर चुके हैं, उन्हें भी प्रशिक्षण में शामिल दिखाया गया है। इतना ही नहीं इन लोगों के नाम से टीचर्स ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए हैं।
अटेंडेंस से हुआ खुलासा।
4 मृत टीचरों को ट्रेनिंग दिए जाने का खुलासा तब हुआ जब अटेंडेंस रजिस्टर में कोरोना से जान गंवा चुके इन 4 शिक्षकों को नाम भी दर्ज पाए गए। इसके बाद महाविद्यालय में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने इसका विरोध किया और मामले की शिकायत कलेक्टर व कमिश्नर को कर दी। शिकायत में महाविद्यालय के प्राचार्य आरके स्वर्णकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने भी इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि यह प्राचार्य की घोटालेबाजी है। कर्मचारी नेताओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य आरके स्वर्णकार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्राचार्य बोले यह मानवीय भूल।
मामला सामने आने के बाद प्राचार्य आर के स्वर्णकार इसे मानवीय भूल बता रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। संंबंधित अधिकारियों से इसका जवाब देने को कहा गया है। गलती सामने आने पर जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि मामले में प्राचार्य पर ही आरोप लग रहे हैं और वही इस मामले की जांच करा रहे हैं, जबकि कर्मचारी संगठन इस पूरे मामले में प्राचार्य को दोषी मान रहा है।