निगम अधिकारियों की बदसलूकी से नाराज एमपीसीए ने भविष्य में इंदौर में मैच कराने से की तौबा..!

  
Last Updated:  October 4, 2022 " 07:14 pm"

एमपीसीए अध्यक्ष ने कथित बकाया टैक्स की आड़ में फ्री पास के लिए दबाव बनाने का लगाया आरोप।

महापौर से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग।

इंदौर : भारत – दक्षिण अफ्रीका टी -20 मुकाबले के ठीक एक दिन पहले नगर निगम अधिकारियों द्वारा एमपीसीए के दफ्तर में घुसकर कथित बकाया टैक्स की मांग करना और दादगिरी दिखाना इंदौर की क्रिकेट प्रेमी जनता के लिए निराशा का सबब बन गया है। एमपीसीए प्रबंधन ने निगम अधिकारियों और कतिपय रसूखदारों की हरकत से खफा होकर भविष्य में इंदौर में कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं कराने का फैसला किया है। एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर तो निगम अधिकारियों के बर्ताव से इतने आहत हैं कि उन्होंने मैच की तैयारियों में बाधा डालने और जबरन दफ्तर में घुसकर बदसलूकी करने वाले निगम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए महापौर, संभागायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखने के साथ उसे सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया है। इस बात को लेकर उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि मैच के फ्री पास पाने के लिए मैच के ठीक एक दिन पहले ये हरकत की गई।

टैक्स का नियमित भुगतान करता है एमपीसीए।

अभिलाष खांडेकर ने कहा कि एमपीसीए ने नगर निगम के टैक्स का हमेशा समय पर भुगतान किया है। यूं भी टैक्स भरने की आखरी तारीख 31 मार्च 2023 है। अगर कोई बकाया था भी तो नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगना था, हम उसका उचित जवाब देते, पर मैच के ठीक एक दिन पहले आकर वसूली का डर दिखाना और बदसलूकी करना, जबकि हम मैच की तैयारियों में जुटे हुए थे, बेहद निंदनीय है।

जबरन एमपीसीए के दफ्तर में घुसे निगम अधिकारी।

श्री खांडेकर का कहना था कि एमपीसीए प्रबुद्ध लोगों व खिलाड़ियों का संगठन है। कई दिग्गज एसो. के साथ जुड़े हैं। बावजूद इसके निगम अधिकारियों का जबरन दफ्तर में घुसकर दादागिरी और बदसलूकी करना बेहद अनुचित कृत्य है। उन्होंने सवाल किया कि जब नगर निगम की किसी कार्रवाई में अनाधिकार घुसने पर एफआयआर तक दर्ज करा दी जाती है, तो निगम अधिकारी किस अधिकार से बिना अनुमति के एमपीसीए के दफ्तर में घुसे और मैच की तैयारियों में जुटे पदाधिकारियों को डराने – धमकाने का काम किया।

मुख्यमंत्री ऐसे अधिकारियों के खिलाफ करें कार्रवाई।

एमपीसीए अध्यक्ष ने जबरन दफ्तर में घुसकर मैच की तैयारियों में खलल पैदा करने, कार्रवाई का डर दिखाते हुए फ्री पास का दबाव बनाने और अभद्रता करने वाले निगम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ये है वो पत्र, जो एमपीसीए अध्यक्ष ने महापौर, संभागायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को लिखा है :-👇

श्रीमान,

मैं आज आईएमसी अधिकारियों और आयुक्त के अत्यधिक अनुचित, उच्चस्तरीय रवैये से बहुत व्यथित हूं।

1 आईएमसी ने संपत्ति कर बकाया के लिए एमपी क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) कार्यालय पर आज ‘छापा’ मारा, जब कोई नहीं था। हमारे पास 31 मार्च ’23 तक भुगतान करने का समय है। .फिर भी इंदौर शहर की छवि को बचाने के लिए आज हमें लगभग ₹ 32 लाख का भुगतान करना पड़ा, जब सबकी निगाहें यहीं पर टिकी हैं।

  1. निगम की उपयुक्त लता अग्रवाल के नेतृत्व निगम टीम ने हमारे कार्यालय में धावा बोल दिया और निचले अधिकारियों को धमकाने के लिए एमपीसीए के लेखा अनुभाग में बैठ गई।
  2. उन्होंने पहले के मैचों के मनोरंजन कर की मांग की, जो एमपीसीए द्वारा आयोजित नहीं किए गए थे।
  3. उन्होंने भारत – द. Af अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच के मनोरंजन कर का भुगतान करने की मांग की।
  4. वह कई अधिकारियों के साथ मेरे केबिन में आई और मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
  5. .वह बार-बार दोहराती रही हमे निगम कमिश्नर सुश्री प्रतिभा पाल ने हमारे पास भेजा है।
  6. एक अंतरराष्ट्रीय मैच से एक दिन पहले, आईएमसी मेरे संगठन की बिना किसी गलती के करता है, जिसने कभी कर का भुगतान करने में गलती नहीं की थी। यह सब रिकॉर्ड में है।
  7. यह सब, आईएमसी में युवा आईएएस अधिकारियों के लिए कुछ पास के लिए, मुझे बताया गया है। .क्या वे यहां सार्वजनिक सेवा के लिए हैं या अपने लिए, लोगों को आश्चर्य है?
  8. मैंने अपनी परंपरा और शिष्टाचार के अनुसार खुद निगम कमिशनर प्रतिभा पाल को 25 पास पहले ही भेज दिए थे।
  9. इस असहनीय घटना को मैं तत्काल महापौर पी भार्गव और संभागायुक्त डाॅ शर्मा के संज्ञान में लाया हूं… कोई प्रभाव नहीं!

आप जनहित के इस गंभीर मामले को देखना चाहेंगे।

आपका अपना,

अभिलाष खांडेकर
अध्यक्ष एमपीसीए
इंदौर

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