इंदौर : परमात्मा से मिलने के लिए बुद्धि की शुद्धि पहली शर्त है। हमारी बुद्धि जब तक निर्मल नहीं होगी, तब तक भगवान से मिलन संभव नहीं होगा। पुरूषोत्तम मास में दान, दया और धर्म का पालन भी करना चाहिए।
बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में चल रहे भागवत पारायण अनुष्ठान में महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज ने उक्त विचार रखे। मठ के पं. पवन शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर भक्तों ने कतारबद्ध होकर सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का उपयोग करते हुए मठ में विराजित प्राचीनतम शालिग्राम स्वरूप भगवान पद्मनाभ का पुष्पों से अर्चन किया और 56 भोग समर्पित किए। भक्तों ने आचार्य पं. विजय शास्त्री, अनिल शर्मा, रामकुमार शर्मा, राजेश शास्त्री एवं धर्मेन्द्र उदेनिया द्वारा स्वस्ति वाचन के बीच भागवत पारायण करने वाले सभी 31 विद्वानों का सम्मान किया और मठ की गौशाला में पहुंचकर गौसेवा भी की। अंत में आरती की गई। वर्षा शर्मा, नवीन ठाकुर एवं राधा रानी मंडल की सदस्याओं ने ब्राम्हणों का सम्मान किया। विद्वानों ने समूचे विश्व से कोरोना महामारी का नाश करने की प्रार्थना भी की। मठ पर यह अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक जारी है। पारायण के साथ ही प्रतिदिन गोपाल सहस्त्रनाम एवं विष्णु सहस्त्रनाम, गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ एवं मंडलों का नियमित अभिषेक पूजन भी हो रहा है। अनुष्ठान का सीधा प्रसारण मठ की फेसबुक पर किया जा रहा है।
जब तक बुद्धि निर्मल नहीं होगी, भगवान से मिलन संभव नहीं- रामचरण दास महाराज
Last Updated: October 11, 2020 " 11:24 pm"
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