इंदौर : क्षिप्रा और नर्मदा के संगम से सिर्फ दो किलोमीटर दूर लोग सालों से सुखी पड़ी जयजयवंती नदी में पानी की प्रतीक्षा कर रहे थे। 18 मई को सांसद शंकर लालवानी जब यहां ग्रामीणों के हालचाल जानने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि वॉल्व तो आपने पिछले साल लगवा दिया था लेकिन पानी अब तक नहीं पहुंचा है। सांसद ने फोन पर अधिकारियों से बात की और 19 मई को गांव में पानी पहुंच गया।
दरअसल, क्षिप्रा और जयजयवंती नदी का उद्गम एक ही पहाड़ से होता है और आगे जाकर दोनों अपना मार्ग अलग कर लेती है। सरकार ने नर्मदा से पानी लाकर उज्जैनी में क्षिप्रा से मिलन तो करवा दिया लेकिन जयजयवंती का कंठ सूखा ही रहा। सांसद बनने के बाद शंकर लालवानी ने पिछले साल ही क्षिप्रा तक पानी ले जाने वाली पाइप लाइन में आउटलेट वॉल्व लगवा दिया था लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई थी।
हाल ही में सांसद शंकर लालवानी यहां पहुंचे और अधिकारियों से बात की और वॉल्व को तुरंत चालू कर पानी पहुंचाने के निर्देश दिए जिसके दो दिन बाद ही यहां पानी पहुंच गया।
मां नर्मदा गांवों की प्यास बुझाने आई है।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि ये काम काफी समय से पूरा नहीं हो पाया था और अधिकारियों से बात कर इसे पूरा करवा दिया गया है। भीषण गर्मी में मां नर्मदा इन गांवों की प्यास बुझाने के लिए आई है।
ग्रामीण जनता ने मनाई खुशी।
वहीं गांव वाले भी बेहद खुश है। क्षेत्र के गांवों में खुशियां मनाई जा रही हैं। गांवों के लोगों का कहना है कि कि उनकी पीने के पानी और सिंचाई योग्य जल की बहुत बड़ी समस्या हल हो गई है। ग्राम धमनाय में लगे इस वॉल्व से कपाल्याखेडी़, आठमील, सिन्धी बरोदा, काजीपलासिया, पलासिया तालाब, पुरादयालूनगर, खुडैल बुजुर्ग, मुँडला जेतकरण, रामुखेड़ी ,सेतखेड़ी ,धतुरिया, खुडैल खुर्द,आँकिया, भोकाखेड़ी,गारिया आदि गांवों की पानी की समस्या सुलझ गई है।