लोक अदालत पुनीत यज्ञ, पक्षकार इसमें डालें सद्भाव की आहुति – जस्टिस शुक्ला
इन्दौर : शनिवार को जिला न्यायालय, इन्दौर में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मुख्य अतिथि जस्टिस विजय कुमार शुक्ला, न्यायाधिपति, म.प्र. उच्च न्यायालय एवं पोर्टफोलियो जज, इन्दौर ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया।
लोक अदालत एक पुनीत यज्ञ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत एक पुनीत यज्ञ है, जिसमें पक्षकारों को सद्भाव की आहुति डालनी चाहिए। अपराध विहीन समाज के निर्माण में सभी को योगदान करना चाहिए।
उन्होंने न्यायाधीशों को निर्भीक होकर न्यायदान के लिए प्रेरित किया। जस्टिस शुक्ला ने आश्वस्त किया कि शीघ्र जिला न्यायालय, इन्दौर में पक्षकार, अधिवक्ता और न्यायाधीशों और हितग्राहियों को बुनियादी सुविधाएं दिलाने हेतु उच्च न्यायालय प्रयासरत् है।
पॉक्सो कोर्ट व ई सेवा केंद्र का किया उद्घाटन।
इस अवसर पर न्यायाधिपति शुक्ला द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नवनिर्मित पॉक्सो न्यायालय एवं नवीन ई-सेवा केन्द्र का फीता काटकर उद्घाटन किया गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर सुबोध कुमार जैन ने स्वागत उद्बोधन में मुख्य अतिथि जस्टिस शुक्ला का स्वागत करते हुए नेशनल लोक अदालत के समस्त स्टेकहोल्डर्स को लोक अदालत की सफलता के लिए प्रयास करने की बात कही।
जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष कुमार श्रीवास्तव ने नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित खण्डपीठ एवं विभिन्न खण्डपीठों में निराकरण हेतु रखे जा रहे प्रकरणों के संबंध में विभागीय प्रतिवेदन का वाचन कर न्यायाधिपति को नेशनल लोक अदालत हेतु की गई तैयारियों और प्रयासों से अवगत कराया।
विशेष न्यायााधीश मनोज कुमार तिवारी ने कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि न्यायाधिपति विजय कुमार शुक्ला एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का अभार व्यक्त किया। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने मुख्य अतिथि के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला और मंच का सफलतापूर्वक संचालन किया।
4895 प्रकरणों का निराकरण, 54 करोड़ 16 लाख के अवॉर्ड पारित।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष श्रीवास्तव ने बताया की जिला मुख्यालय के साथ ही बाह्यवर्ती न्यायालय डॉ. अंबेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर एवं हातोद में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कुल 59 खण्डपीठों में मोटर दुर्घटना क्लेम के 878 प्रकरण, सिविल के 117 प्रकरण, विघुत के 153 प्रकरण, चेक अनादरण के 707 प्रकरण, राजीनामा योग्य दाण्डिक के 179 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 155 प्रकरण, श्रम के 51 प्रकरण व अन्य राजीनामा योग्य 138 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के 2517 प्रकरण इस प्रकार कुल 4895 प्रकरणों का निराकरण होकर कुल 54,16,19,673 करोड़ के अवार्ड/डिक्री/मुआवजा/वसूली के आदेश पारित किए गए।
इन मामलों में पारित हुए लाखों के अवार्ड।
शनिवार को संपन्न लोक अदालत में मुकेश नाथ, 22वें जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, इन्दौर के न्यायालय में लंबित एम.ए.सी.सी. क्रमांक 226/2021 श्रीमती सीमा विरूद्व श्रीमती स्वाति में मृतक व्यक्ति दिनेश गहलोत की पत्नी श्रीमती सीमा एवं उनके चार बच्चे तथा माता-पिता के पक्ष में राशि रूपये 19,06,000/- (अक्षरी रूपये उन्नीस लाख छः हजार) का अवार्ड पारित किया गया। जिसमें क्लेमेंट अभिभाषक जे.आर. पालीवाल एवं बीमा कंपनी के अधिवक्ता नवनीत पोद्दार की सकारात्मक भूमिका रही।
इसी प्रकार महेश कुमार झा, 11वें जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, इन्दौर के न्यायालय में लंबित एम.ए.सी.सी. क्रमांक 2291/2019 जाहिदी विरूद्व ताहिर अली के मामले में जो अत्यधिक गंभीर चोट का केस था, जाहिदी उम्र 31 वर्ष ट्रक के द्वारा टक्कर मारकर दुर्घटना कारित की गई जिसके फलस्वरूप पीडिता को 80 प्रतिशत दिव्यांगता हो गई थी के पक्ष में राशि रूपए 16,00,000/- (अक्षरी रूपये सोलह लाख) का अवार्ड पारित किया गया। जिसमें क्लेमेंट अभिभाषक जे.आर. पालीवाल एवं बीमा कंपनी के अधिवक्ता चितरंजन छाजेड़ की सकारात्मक भूमिका रही।
उत्तम कुमार डार्वी, 10वें सदस्य मोटर दुर्घटना दावा, इन्दौर के न्यायालय में लंबित एम.ए.सी.सी. क्रमांक 1122/2016 श्रीमती सुरैया विरूद्व संजय जाधव व अन्य के मामले में आवेदिका श्रीमती सुरैया के पति स्वर्गीय सुलेमान की डंपर वाहन से टक्कर लगने से गंभीर प्रकृति की चोटे कारित हुई जिनकी इलाज हेतु ले जाते समय असामयिक मृत्यु हो गई। न्यायालय द्वारा आवेदिका के पक्ष में राशि रूपये 49,00,000/- (अक्षरी रूपये उन्चास लाख) का अवार्ड पारित किया गया।
लोकोपयोगी मामलों के निराकरण हेतु गठित खण्डपीठ के समक्ष लंबित लोकोपयोगी प्रकरण क्रमांक 39/2022 श्रीमती शोभा ठाकुर विरूद्ध शाखा प्रबंधक स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इंश्योरेस कंपनी में आवेदिका श्रीमती शोभा द्वारा दिनांक 14.05.2022 को लोकोपयोगी लोक अदालत के समक्ष इस आशय का आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आवेदिका के पति द्वारा अनावेदक कंपनी से स्वास्थ्य बीमा सेवा कराया गया था, किंतु कोरोना से पीड़ित होने पर आवेदिका के पति द्वारा स्वयं का इलाज कराया गया इलाज के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी आवेदिका शोभा द्वारा जब संबंधित बीमा कंपनी के समक्ष क्लेम दायर किया गया तो बीमा कंपनी द्वारा क्लेम निरस्त कर दिया गया जिससे व्यथित होकर आवेदिका द्वारा लोकोपयोगी लोक अदालत में मामला दायर किया गया। जिसे लोकोपयोगी लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा विशेष रूचि लेते हुए 03 महीने के भीतर समझौते के आधार पर मामले का निराकरण कराया जिसमें अनावेदक बीमा कंपनी के द्वारा आवेदिका को रूपये 1,84,888/- (अक्षरी रूपये एक लाख चौरासी हजार आठ सौ अठ्ठासी) का अवार्ड पारित किया गया।