इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और इंदौर सीए शाखा द्वारा जीएसटी काउंसिल की पिछली 3 बैठकों में लिए गए निर्णयों की समीक्षा हेतु सेमिनार का आयोजन किया गया। वरिष्ठ सीए सुनील पी. जैन ने सेमिनार में अपने विचार रखे।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल, जीएसटी प्रशासन हेतु समय समय पर जीएसटी लॉ में अमेंडमेंटस करती रहती है जिसका सीधा प्रभाव करदाताओं तथा व्यापार पर पड़ता हैl प्रोफेशनल्स पिछली 3 मीटिंग्स में लिए गए निर्णयों का सही इंटरप्रेटेशन निकाल सकें इसके लिए यह सेमिनार आयोजित किया गया l
जीएसटी अथॉरिटी के आदेश के खिलाफ 120 दिन में अपील करना जरूरी।
मुख्य वक्ता सीए सुनील पी जैन ने कहा कि जीएसटी अथॉरिटी द्वारा पास किए गए ऑर्डर के विरुद्ध अपील अधिकतम निर्धारित सीमा 120 दिन के अंदर फाइल करना आवश्यक होती है l जीएसटी काउंसिल ने अपनी पिछली मीटिंग में करदाताओं को एक महत्वपूर्ण राहत देते हुए एमेनेस्टी स्कीम घोषित की जिसके अनुसार 31 मार्च 2023 तक पास किए गए आर्डर की अपील 31 जनवरी 2024 तक फाइल की जा सकेगी इसमें ऐसे केस भी शामिल होंगे जिन्होंने पहले भी अपील करने की कोशिश तो की थी परंतु समय सीमा निकल जाने की वजह से उनकी अपील खारिज हो चुकी है, हालांकि ऐसे करदाताओं को अपील करने के लिए डिमांड की राशि के 10% की बजाय 12.5% जमा करना होगा, जिसमें 2.5% नगद में जमा करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में धारा 73 एवं 74 का डिमांड आर्डर मिला है, ऐसे ही मामलों में इस स्कीम का फायदा लिया जा सकेगा l अर्थात ई-वे बिल से सम्बंधित या रिफंड से सम्बंधित मामलों में जीएसटी एमेनेस्टी स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा l
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के फलस्वरूप सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है जिसके तहत डायरेक्टर द्वारा अपनी कंपनी के लिए दी गई पर्सनल गारंटी को सप्लाई नहीं माना जाएगा तथा कोई जीएसटी नहीं लगेगाl हालांकि इस कार्य के लिए अगर डायरेक्टर द्वारा कोई प्रतिफल लिया गया है तो उस पर 18% की दर से जीएसटी का दायित्व आएगा। इसी के साथ अगर एक कंपनी द्वारा अपनी सब्सिडियरी कंपनी के लिए गारंटी दी जाती है तो उस पर 18% की दर से जीएसटी का दायित्व आएगा l ऐसी दशा में सप्लाई का मूल्यांकन जो वास्तविक रूप से प्रतिफल लिया गया है अथवा गारंटी का 1% दोनों में से जो अधिक है, वह माना जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले कम्पोज़िशन में रजिस्टर्ड व्यापारी ई कॉमर्स पर अपना सामान नहीं बेच सकता था लेकिन अब 01 अक्टूबर से कम्पोज़िशन डीलर भी ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना माल बेच सकेंगे l
उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन केंसल हो गया है तो नए नियमों के अनुसार वह उसे 90 दिन के भीतर रिवोकेशन की ऍप्लिकेशन देकर रिवोक करा सकता है पहले यह अवधि 30 दिनों की थी l इसके अतिरिक्त कमिश्नर अथवा उनके द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी को यह भी अधिकार दिए गए हैं कि वो इस 90 दिनों की अवधि को अगले 180 दिनों के लिए और बढ़ा सकेगा l
सीए जैन ने बताया कि विभाग द्वारा किसी करदाता की संपत्ति प्रोविजनली अटैच की जाती है तो विभाग से उसे छुड़ाने के लिए अब अतिरिक्त कार्रवाई नहीं करनी होगीl एक वर्ष बीत जाने के बाद वह अटैचमेंट स्वत: रिलीज हो जाएगा।
जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन के संबंध में मद्रास हाई कोर्ट के 2019 के निर्णय को संज्ञान में लेते हुए काउंसिल ने निर्णय लिया है की ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्य के रूप में 10 वर्ष का अनुभव रखने वाला एडवोकेट भी जज बन सकेगा। ऐसे अभ्यर्थी की न्यूनतम उम्र 50 वर्ष तथा अधिकतम 67 वर्ष होनी चाहिए। उसे अप्रत्यक्ष कर ट्रिब्यूनल अथवा बोर्ड, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का 10 वर्ष का अनुभव होl
काउंसिल की पूर्व की मीटिंग में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था, जिसमें कहा गया कि एक डायरेक्टर द्वारा डायरेक्टर की क्षमता में दी गई सेवाएं ही कंपनी द्वारा रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी के दायरे में आएगीl
सामान्यतः करदाता जीएसटीआर 2ए में दर्शित आईटीसी से अधिक आईटीसी नहीं ले सकता है l इस सम्बन्ध में बोर्ड के एक सर्कुलर द्वारा यह राहत दी गई थी कि वर्ष 18-19 तक के प्रकरण में ऐसा अंतर 5 लाख तक है। सप्लायर के स्वयं के डिक्लेरेशन तथा अंतर 5 लाख से अधिक होने पर सप्लायर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के प्रमाण पत्र के आधार पर ऐसे अतिरिक्त आईटीसी क्लेम को स्वीकारा जा सकेगा। जीएसटी काउंसिल ने 50वीं मीटिंग में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस सुविधा को दिसंबर 2021 तक के मुद्दों के लिए बढ़ा दिया है, जिससे आईटीसी से रिलेटेड ऐसे मामलों में बड़ी राहत मिली है l
उन्होंने कहा कि जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन की हालांकि घोषणा कर दी गई है परंतु अभी भी देश में जीएसटी टर्मिनल का गठन होकर कार्य शुरू नहीं हो पाया हैl
प्रारंभ में अतिथि स्वागत मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया l सेमिनार का संचालन सीए कृष्ण गर्ग ने किया l आभार अभिभाषण सीए अमितेश जैन ने माना। इस अवसर पर सीए सोम सिंहल, सीए अतुल शर्मा, सीए एस एन गोयल, गोविंद गोयल, सीए अजय सामरिया, सीए जे पी सराफ़, सीए प्रमोद तापडिया सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।