टीपीए ने सीजीएसटी आयुक्त को सौंपा ज्ञापन।
इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) इन्दौर के प्रतिनिधि मंडल ने सीजीएसटी आयुक्त लोकेश जाटव से मिलकर सुझाव दिया कि जीएसटी- टीडीएस की क्रेडिट सीधे व्यापारी के खाते में जमा हो, ऐसी अनुशंसा जीएसटी काउंसिल से की जाए।
यह जानकारी देते हुए टीपीए अध्यक्ष सीए शैलेंद्र सोलंकी व एसजीएसटी सचिव सीए मनोज पी गुप्ता ने बताया कि जीएसटी क़ानून कि धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकारो के विभाग, स्थानीय निकाय, पीएसयू, राष्ट्रीयकृत बैंक जिन व्यवसायियो से माल ख़रीदते है या सेवाए लेते है, उनका वे नियमानुसार 1% की दर से टैक्स काट लेते है । इसी तरह धारा 52 के तहत ई कॉमर्स ऑपरेटर जिन लोगो से वस्तुएँ व सेवाए क्रय करते हैं, उनसे वो जीएसटी टीसीएस भी लेते हैं लेकिन इस प्रकार से काटे व जमा किए गए टैक्स का क्रेडिट व्यापारी के खाते ( कैश लेजर) में सीधे जमा नहीं होता,बल्कि करदाता को इस टैक्स का महीने दर महीने अलग से क्लेम करना होता है। कई बार यह टैक्स क्लेम करने से भी रह जाता है,जिसका नुक़सान करदाता को उठाना पड़ता है ।
टीपीए ने सुझाव दिया है कि आयकर में जिस तरह काटे गए टैक्स को सीधे करदाता के खाते में जमा किया जाता है और उसका विवरण फॉर्म न. 26 एएस में दर्शाया जाता है, वैसी ही प्रक्रिया जीएसटी में भी करदाताओं की सुविधा के लिए अपनाई जानी चाहिए ।
टीपीए के सीजीएसटी सचिव कृष्ण गर्ग ने सुझाव दिया कि प्रदेश की जीएसटी ट्रिब्यूनल बेंच की स्थापना इन्दौर में ही की जाए क्योंकि यहीं सबसे ज़्यादा पंजीकृत व्यवसायी हैं और सबसे ज़्यादा कर संग्रहण भी यहीं होता है।
टीपीए के उपाध्यक्ष सीए जे पी सराफ़ ने करदाताओं के रजिस्ट्रेशन के संशोधनों में आ रही कठिनाइयों से आयुक्त को अवगत करवाया ।
टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने अपील के लंबित प्रकरणों की और आयुक्त का ध्यान आकर्षित किया और हाई वैल्यू टैक्स डिमांड की अपीलों के शीघ्र निराकरण का सुझाव दिया ।
एसजीएसटी आयुक्त लोकेश जाटव ने टीपीए के समस्त सुझावो को ध्यान से सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।