वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए की जानी चाहिए भविष्य की प्लानिंग – सुरेश प्रभु

  
Last Updated:  October 17, 2022 " 08:05 pm"

सीए जैसी समग्र सोच रखना जरूरी।

भारत में लांग टर्म प्लानिंग पर नहीं दिया जाता ध्यान।

इंदौर : पूर्व केंद्रीय रेल और उर्जा मंत्री सुरेश प्रभु ने इंदौर सीए ब्रांच और टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन के सदस्यों को ‘कैसा होगा 2035 का भारत’ विषय पर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि भारत में लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए उतना नहीं दिया जाता।

22 साल पहले ऊर्जा की प्लानिंग आज नतीजे दे रही है।

अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि 22 साल पहले जब वे ऊर्जा मंत्री थे, तब भारत में 18% ऊर्जा की कमी थी, इसे लेकर उन्होंने 10 साल की योजना बनाते हुए भारत को पावर सरप्लस देश बनाने का विज़न सामने रखा था। यह उसी विजन का नतीजा है कि आज देश अपने आसपास के अन्य देशों को भी बिजली और ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

चुनौतियों को ध्यान में रख भविष्य की कार्ययोजना बनाने की जरूरत।

वैश्विक परिदृश्य और चुनौतियों को लेकर बात करते हुए सीए सुरेश प्रभु ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध, जलवायु परिवर्तन और चीन की अपना राष्ट्र री-यूनिफाई करने की योजना जैसी तमाम चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी भविष्य की कार्य योजना बनानी चाहिए, जिसके लिए ‘मल्टी-प्रॉन्गड थिंकिंग’ यानी समग्र सोच रखकर काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि रूस – यूक्रेन के बीच युद्ध अब परमाणु हमले तक पहुंच गया है लेकिन इसका पूरे विश्व पर क्या असर होगा यह अभी कोई नहीं जानता। इसी तरह, चीन में तीसरी बार राष्ट्रपति को सत्ता दी गई है। चीन के सभी फैले हुए अंशों को पुनः एकत्रित करने की एक नीति बनाई जा रही है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश का क्षेत्र भी शामिल है, यह भारत के लिए खतरे की घंटी है। इसी प्रकार यूरोप में हो रही भू-राजनितिक उथल-पुथल और पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही परेशानियों को देखते हुए भारत को अभी से तैयार हो जाना चाहिए।

ग्रीन डेवलपमेंट की ओर आगे बढ़े भारत।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ में एक तिहाई पाकिस्तान जलमग्न हो गया। विश्व की बड़ी नदियाँ सूखे की कगार पर है। अतः हमें आर्थिक विकास के साथ साथ ग्रीन डेवलपमेंट की और भी आगे बढ़ना होगा।

स्वर्णिम भविष्य की ओर बढ़ रहा भारत।

‘जंग की तैयारी करने का सबसे सही समय है शांति का समय’ यह उदाहरण देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हालात ज्यादा बिगडें, इसके पूर्व भारत को तैयार हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत ने हर विध्वंस के बाद पुनर्निर्माण किया है। अतः पूरे विश्व में भारत में ही यह सामर्थ्य है कि वो विपरीत परिस्थिति में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर सकता है। पूरे विश्व में भारत के सामर्थ्य का डंका बज रहा है अतः निश्चित ही इन सब चुनौतियों के बावजूद भारत एक स्वर्णिम भविष्य की और तेज़ी से बढ़ रहा है।

इंदौर डायनामिक शहर है।

इंदौर की स्वच्छता की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा की इंदौर के लोग डायनामिक होते हैं। उन्होंने विज़न 2035 तैयार करने में सीए के योगदान और महत्व को लेकर कहा कि जिस प्रकार की समग्र सोच सीए रखते हैं उस प्रकार की सोच की आज देश को ज़रूरत है।

स्वागत उद्बोधन इंदौर सीए ब्रांच के चेयरमैन सीए आनंद जैन और रीजनल काउंसिल मेम्बर सीए कीर्ति जोशी ने दिया। उन्होंने कहा कि जीडीपी का क्रमशः 55, 25 और 20 प्रतिशत सर्विस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि पर आधारित है। एक सुदृढ़ प्लानिंग के तहत प्रत्येक क्षेत्र को आगे बढ़ाने की योजना बनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया। अतिथि परिचय टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने दिया। इस अवसर पर इंदौर सीए ब्रांच और टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्र मंत्री सुरेश प्रभु का शॉल श्रीफल देकर अभिनन्दन किया।

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