इंदौर : जीएसटी के वर्तमान रिटर्नो की संख्या घटाई जाए, कर प्रणाली को सरल किया जाए, टैक्स पर लगने वाले ब्याज की दर कम की जाए ऑर इस नई कर प्रणाली के शुरुवाती तीन वर्षो मे तकनीकी कमियो ऑर मानवीय भूलवष हुई त्रुटियो पर पेनल्टी न लगाए जाने का प्रावधान किया जाए। इस तरह के कुछ सुझाव टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) इंदौर ने वित्तमंत्री को प्री बजट मेमोरेंडम के जरिए प्रेषित किए हैं।
यह जानकारी देते हुए सीए मनोज पी गुप्ता सचिव (राज्य कर) व सीए कृष्णा गर्ग सचिव (केन्द्रीय कर) ने बताया की जीएसटी कानून की प्रक्रिया के सरलीकरण ऑर विभिन्न धाराओ मे सुधार के लिए टीपीए ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को प्री – बजट मेमोरेंडम के माध्यम से सुझाव भेजे हैं। इसमे छोंटे करदाताओ के लिए वर्ष भर मे 13 की जगह 3 रिटर्न, इनपुट टेक्स क्रेडिट, रिवर्स चार्ज, व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन, रिटर्न को रिवाइज करने के प्रावधान, टैक्स पर लगने वाले ब्याज का युक्तिकरण, एक्सपोर्ट के ड्यूटी रिफ़ंड, जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन करने जैसे सुझाव शामिल हैं।
टीपीए अध्यक्ष सीए शैलेन्द्र सोलंकी और मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया की टैक्स प्रेप्क्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर ने अपने सभी सदस्यो से प्री – बजट मेमोरेंडम के लिए सुझाव मांगे थे । इसका उदेश्य यही है कि व्यापार मे आ रही कठिनाइयो से सरकार को अवगत कराया जाए जिससे कर – अनुपात की लागत को कम किया जा सके । उन्होने बताया की इस मेमोरेंडम की प्रति नवनीत गर्ग मुख्य आयुक्त , जीएसटी (म,प्र व छ्तीसगढ) भोपाल को भी भेजी गई हे जो उसे अनुमोदित कर मंत्रालय को भेज देगे । इसकी प्रति स्थानीय आयुक्त पार्थ राय चौधरी (सीजीएसटी) व लोकेश जाटव (एसजीएसटी) को भी दी गई है।