वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जमकर हंगामा करते हुए अमेरिकी संसद को बंधक बना लिया। इस दौरान ट्रंप समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी समर्थकों को रोकने और सांसदों को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को फायरिंग करनी पड़ी।इस दौरान एक प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गई। वाशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिए जाने की भी खबर है।
ट्रम्प को हटाने की मांग।
इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी के 17 सांसदों ने चिट्ठी लिखकर
डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में त्वरित निर्णय लेने की भी मांग की है।
ट्रंप का ट्विटर-फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट ब्लॉक।
अमेरिका में ट्रंप समर्थकों ने व्हाइट हाउस और कैपिटोल हिल्स में जमकर हंगामा किया। इसके बाद ट्विटर, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम ने ट्रंप के अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं। साथ ही कुछ ट्वीट और वीडियो को भी हटा दिया गया है। ट्विटर ने 12 घंटे और इंस्ट्राग्राम ने 24 घंटे के लिए डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड किया है।
संसद में कड़ी की गई सुरक्षा।
अमेरिकी संसद में हिंसा के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। न्यूयॉर्क के मेयर 1000 नेशनल गार्ड्स को संसद की सुरक्षा के लिए भेज रहे हैं। फिलहाल वॉशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
शांतिपूर्ण हो सत्ता का हस्तांतरण- मोदी।
अमेरिकी संसद में हुई हिंसा पर प्रधानंत्री मोदी ने दुःख जताया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “वाशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा की खबर से दुःखी हूं। शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी तरीके से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता।
ट्रम्प के करीबियों ने दिया इस्तीफा।
अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों के हंगामे के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के कई करीबियों के इस्तीफा देने की खबर है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी और सोशल सेक्रेटरी ने इस्तीफा दे दिया है।
खबर ये भी है कि ट्रंप की हरकत से नाराज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं।
ये विरोध नहीं विद्रोह है- बाइडेन
नव निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा, ”यह कोई विरोध नहीं है। यह एक विद्रोह है।” बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप से हंगामा खत्म करने की अपील करने के लिए भी कहा। बाइडेन ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और इस घेराबंदी को खत्म करने की मांग करें।’ बाइडेन ने आगे कहा, ‘मैं साफ कर दूं कि कैपिटोल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं। ये वह लोग हैं, जो कानून को नहीं मानते हैं।’