नई दिल्ली: लोकसभा में पारित होने के बाद तीन तलाक बिल सोमवार को राज्यसभा में रखा गया पर भारी हंगामें के कारण उसपर चर्चा नहीं हो सकी। कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष इसे प्रवर समिति के पास भेजने पर अड़ा रहा वहीं सरकार बिल पर चर्चा कराना चाहती थी। दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद भी हंगामा नहीं थमा तो पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
एक बार स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे दुबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सरकार ने तीन तलाक़ बिल चर्चा के लिए पटल पर रखा। इस बीच aiadmk के सदस्य कावेरी नदी पर बांध निर्माण का विरोध करते हुए आसंदी के करीब पहुंच गए। उपसभापति हरिवंश ने उन्हें अपने स्थान पर लौटने की बार- बार अपील की लेकिन हंगामा जारी रहा। उधर टीएमसी और कांग्रेस के सदस्यों ने बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई।
कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद का कहना था कि तीन तलाक़ बिल अति महत्वपूर्ण विधेयक है जो इससे संबंधित लोगों के जीवन पर अच्छा या बुरा असर डालेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संसदीय नियमों की अनदेखी कर बिल को सीधे संसद से पारित कराना चाहती है।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि तीन तलाक़ बिल मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण विधेयक है। विपक्ष इसे जानबूझकर लटकाना चाहता है इसलिए प्रवर समिति को भेजने की मांग कर रहा है।चर्चा के लिए सहमति नहीं बनती देख उपसभापति ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। शोर- शराबे के बीच ही कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष से बिल पर चर्चा का आग्रह किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक़ के मामले बढ़ रहे हैं। विपक्ष चर्चा में भाग ले, सरकार उनके सुझाव सुनने को तैयार है। उपसभापति ने सदस्यों से शांति बनाए रखने और चर्चा में भाग लेने की अपील की पर हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने सदन का कामकाज दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
तीन तलाक़ बिल पर राज्यसभा में हंगामा, नहीं हो पाई चर्चा
Last Updated: December 31, 2018 " 02:44 pm"
Facebook Comments